ADVERTISEMENT
होम / धर्म / Mahabharata Facts: आखिर क्यों महाभारत में गंगा ने कर दी अपने ही सातों पुत्रों की हत्या? ये थी बड़ी वजह!

Mahabharata Facts: आखिर क्यों महाभारत में गंगा ने कर दी अपने ही सातों पुत्रों की हत्या? ये थी बड़ी वजह!

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : July 16, 2024, 5:01 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

Mahabharata Facts: आखिर क्यों महाभारत में गंगा ने कर दी अपने ही सातों पुत्रों की हत्या? ये थी बड़ी वजह!

India News(इंडिया न्यूज), Ganga In Mahabharata: महाभारत में गंगा द्वारा अपने सात पुत्रों की हत्या की कहानी बहुत ही महत्वपूर्ण और रोचक है। इस कथा का संदर्भ आदिपर्व में मिलता है। आइए जानें इसके पीछे की बड़ी वजह:

कथा का संक्षिप्त विवरण

राजा शांतनु, जो हस्तिनापुर के राजा थे, एक दिन गंगा नदी के किनारे गए और वहां उन्होंने देवी गंगा को देखा। वह गंगा की सुंदरता पर मोहित हो गए और उनसे विवाह का प्रस्ताव रखा। गंगा ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया, लेकिन एक शर्त रखी कि शांतनु कभी भी उनके किसी भी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करेंगे, चाहे वह कितना भी विचित्र या अनुचित क्यों न लगे। राजा शांतनु ने यह शर्त मान ली।

महाभारत के बाद ‘Draupadi’ को क्यों मिला था नर्क? वहां भी मिली थी ऐसी सजा

गंगा के सात पुत्रों की हत्या

विवाह के बाद, गंगा और शांतनु के सात पुत्र हुए। लेकिन हर बार जब कोई पुत्र जन्म लेता, गंगा उसे तुरंत नदी में डुबो देतीं और उसकी हत्या कर देतीं। राजा शांतनु इस घटना से बहुत दुखी होते, लेकिन उन्होंने अपनी शर्त का पालन किया और कभी भी गंगा के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं किया।

आठवें पुत्र का जन्म

जब गंगा ने अपने आठवें पुत्र को नदी में डुबोने की कोशिश की, तो राजा शांतनु इस कृत्य को और सहन नहीं कर सके और उन्होंने गंगा को रोक दिया। उन्होंने गंगा से इस निर्दयी कार्य का कारण पूछा। गंगा ने राजा शांतनु को बताया कि वह एक शर्त के अधीन थीं और अब वह उन्हें इस शर्त के बारे में बताएंगी।

महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद, कैसे हुई थी द्रौपदी की मौत?

शर्त का रहस्य

गंगा ने राजा शांतनु को बताया कि उनके और उनके पुत्रों का पूर्वजन्म में एक श्राप था। वे सभी वसु थे, जो देवता थे। एक बार उन्होंने महर्षि वशिष्ठ के आश्रम से उनकी दिव्य गाय नंदिनी को चुराने की योजना बनाई। वशिष्ठ ने जब यह देखा, तो उन्होंने वसुओं को श्राप दिया कि वे सभी धरती पर जन्म लेंगे और मानव जीवन जीएंगे। वसुओं ने वशिष्ठ से क्षमा मांगी, और वशिष्ठ ने उन्हें यह वरदान दिया कि वे तुरंत जन्म लेते ही मुक्त हो जाएंगे, सिवाय उनके प्रमुख वसु, प्रतोष, के, जिसने इस चोरी की योजना बनाई थी। प्रतोष को एक लंबा और कष्टमय मानव जीवन जीना था।

कौन हैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज? Ambani वेडिंग में भी आये थे नज़र

गंगा का उद्देश्य

गंगा ने उन वसुओं की माता बनने का निर्णय लिया ताकि वह जन्म लेते ही अपने सात पुत्रों को मुक्ति दे सकें और उन्हें श्राप से मुक्त कर सकें। आठवें पुत्र, भीष्म (देवव्रत), वही प्रमुख वसु थे जिन्हें लंबा जीवन जीना था। गंगा ने भीष्म की देखभाल की और बाद में उन्हें राजा शांतनु को सौंप दिया।

इस प्रकार, गंगा ने अपने सात पुत्रों की हत्या इसलिए की क्योंकि वे सभी वसु थे जिन्हें महर्षि वशिष्ठ के श्राप से मुक्त करना था। यह कथा हमें यह भी सिखाती है कि कई बार दिव्य शक्तियों और श्रापों के कारण देवताओं को भी पृथ्वी पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

कलयुग से इतने दिन पहले शुरू हुआ था महाभारत का युद्ध, जानें सब कुछ

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Tags:

DevotionalDharamKaramdharmDharmikDharmkiBaatDharmNewsGanga riverindianewslatest india newsMahabharataPaathKathayespritualSpritualitytoday india newsइंडिया न्यूज

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT