India News (इंडिया न्यूज), Jyotishastra: ज्योतिष शास्त्र में कुछ तारीखों और ग्रहों की स्थिति को विवाह में देरी के लिए जिम्मेदार माना जाता है। आमतौर पर, यह विशेषताएँ व्यक्ति की जन्मकुंडली में देखी जाती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख ज्योतिषीय कारण दिए गए हैं जो विवाह में देरी का संकेत दे सकते हैं:
इन ज्योतिषीय कारकों के आधार पर, कुछ तारीखें और कुंडली के ग्रहों की स्थितियाँ विवाह में देरी का संकेत दे सकती हैं।
उदाहरण के लिए, अगर कोई लड़की 15 जनवरी 1995 को जन्मी है और उसकी कुंडली में निम्नलिखित स्थितियाँ हैं:
जल्द ही शुरू होने जा रहा हैं अगस्त का महीना, जानें किन राशियों के लिए होगा बेहद लाभकारी?
तो, ऐसी कुंडली में विवाह में देरी होने की संभावना हो सकती है।
इन ज्योतिषीय कारकों को समझने के लिए, आपकी जन्मकुंडली का विस्तृत विश्लेषण एक योग्य ज्योतिषी द्वारा किया जाना आवश्यक है। यदि आप अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना चाहते हैं, तो एक अनुभवी ज्योतिषी से संपर्क करें जो आपकी जन्मतिथि, जन्म समय और जन्म स्थान के आधार पर कुंडली बना सके और उचित सलाह दे सके।
भारत के इस स्थान पर छिपा हैं कलयुग का रहस्य? चार युगों के अलग-अलग शिवलिंग हैं मौजूद
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।