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India News (इंडिया न्यूज), Green Colour In Islam: आपने ये जरूर देखा होगा कि मुसलमानों के जलसे जुलूसों में हरे रंग का ही झंडा होता है। अगर हम इस्लामिक झंडे की बात करें तो ये भी हरे रंग का होता है। तो आपको पता है कि ये किसने तय किया कि इस्लाम का रंग हरा ही होगा? अगर आप इस जानकारी से रूबरू नहीं है तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे। दरअसल इस्लाम की सबसे पवित्र किताब कुरान की सूरह इंसान की आयत नंबर 21 में अल्लाह ने जन्नती लोगों का लिबास हरा बताया है। इसके अलावा इसे लेकर हदीस के संग्रह की किताब सुनन अबू दाऊद में लिखा गया है। इसके बारे में हजरत अबु रमसा (रज़ी) बयान करते हैं कि मैं अपने पिता के साथ पैगंबर मोहम्मद साहब के घर गया तो मैंने आप (पैगंबर मोहम्मद) पर सब्ज़ (हरा) रंग की धारीदार दो चादरें देखीं।
दरअसल मस्जिद-ए-नबवी जिसे “नबी की मस्जिद” भी कहा जाता है, इस्लाम की दूसरी सबसे पवित्र मस्जिद है। यह सऊदी अरब के शहर मदीना में स्थित है। मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोगों का कहना है कि इस पवित्र मस्जिद को खुद पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) द्वारा स्थापित किया गया था। यह मस्जिद इस्लाम को मानने वालों के लिए बेहद महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार ये दुनिया की पहली मस्जिद है, जिसके गुंबद को हरे रंग से रंगा गया था। ऐसा बताया जाता है कि जब इस मस्जिद का निर्माण किया गया था तब इसके गुंबद का कोई रंग नहीं था। लेकिन 1228 हिजरी में सुल्तान मोहम्मद द्वितीय के कहने पर इस मस्जिद के गुंबद को हरे रंग से रंग दिया गया था।
इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के अनुसार हरा रंग पवित्र तो माना ही जाता है, इसके अलावा साइंस के पास भी हरे रंग को लेकर कुछ तर्क हैं। दरअसल हरा रंग विज़ुअल स्पेक्ट्रम में 520-570 नैनोमीटर के तरंगदैर्ध्य के बीच आता है। यह तरंगदैर्ध्य इंसानों की आंखों के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। इसके अलावा हरे रंग की रोशनी का अधिकतम मात्रा में अवशोषण होता है, जिससे आंखों को कम तनाव महसूस होता है। कुल मिलाकर साइंस के अनुसार हरा रंग को देखने से आंखों को फायदा होता है। तभी तो डॉक्टर्स भी आंखों के लिए सब्ज और हरे रंग के पेड़ पौधों को देखने की सलाह देते हैं।
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