Hindi News / Dharam / In Mahabharata What Debt Did Krishna Owe To A Piece Of Draupadis Sari

भगवान कृष्ण पर था द्रौपदी के एक टुकड़े का वो कौन-सा कर्ज, जिसे चुकाने का किस्सा आज भी कलियुग में किया जाता है याद, लेकिन नहीं पता असलियत?

Draupadi Ka Shri Krishna Par Karj: भगवान कृष्ण पर था द्रौपदी के एक टुकड़े का वो कौन-सा कर्ज

BY: Prachi Jain • UPDATED :
Advertisement · Scroll to continue
Advertisement · Scroll to continue

India News (इंडिया न्यूज), Draupadi Ka Shri Krishna Par Karj: महाभारत, भारतीय इतिहास और धर्म का एक अद्वितीय महाकाव्य है, जिसमें अनगिनत शिक्षाएं, संबंध, और घटनाएं समाहित हैं। इसमें द्रौपदी और भगवान श्रीकृष्ण के मित्रता संबंध का एक विशेष उल्लेख है, जो उनके परस्पर स्नेह और समर्पण को दर्शाता है। इस लेख में, हम उस घटना की चर्चा करेंगे जिसमें द्रौपदी ने श्रीकृष्ण की सहायता की थी और कैसे श्रीकृष्ण ने उस सहायता का कर्ज चुकाया।

श्रीकृष्ण पर द्रौपदी का ऋण

महाभारत में एक प्रसंग है जब श्रीकृष्ण ने शिशुपाल का वध किया। शिशुपाल, जो पांडवों और श्रीकृष्ण का कट्टर विरोधी था, ने अपने व्यवहार से धर्म की मर्यादा को लांघ दिया था। उसके वध के समय, श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र का उपयोग किया, लेकिन इस प्रक्रिया में उनकी अंगुली कट गई और रक्त बहने लगा। तब द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर श्रीकृष्ण की अंगुली पर बांध दिया। यह कृत्य श्रीकृष्ण के प्रति द्रौपदी की मित्रता और समर्पण का प्रतीक था।

आज सबसे बड़े सूर्य ग्रहण पर जो तुलसी के पत्तों से किया जाए ये अचूक उपाय, जीवन की रेखाओं को पलट के रख देगा आज का ये नियम!

Draupadi Ka Shri Krishna Par Karj: भगवान कृष्ण पर था द्रौपदी के एक टुकड़े का वो कौन-सा कर्ज

शनिदेव ने कलियुग में आकर हनुमान जी से कही थी ये बात, टेढ़ी नजर डाली तो हुआ ऐसा हाल, पढ़ें खौफनाक किस्सा

श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के इस छोटे से लेकिन महान कार्य को गहरे हृदय से स्वीकार किया। उन्होंने यह वचन दिया कि जब भी द्रौपदी संकट में होंगी, वे उसकी सहायता के लिए अवश्य आएंगे। इस तरह द्रौपदी का साड़ी का यह छोटा सा टुकड़ा भगवान कृष्ण पर “ऋण” बन गया।

चीरहरण और श्रीकृष्ण का ऋण चुकाना

महाभारत के सबसे हृदयविदारक प्रसंगों में से एक है द्रौपदी का चीरहरण। यह घटना तब घटी जब कौरवों ने पांडवों को जुए में हराकर उनका सब कुछ छीन लिया। द्रौपदी को भरी सभा में लाया गया और दुशासन ने उनके चीरहरण का प्रयास किया। यह वह समय था जब धर्म और न्याय का अपमान हो रहा था।

इस संकट की घड़ी में, द्रौपदी ने अपनी लाज बचाने के लिए अपने बाल सखा श्रीकृष्ण को स्मरण किया। उन्होंने अपने हृदय की पुकार से कृष्ण से सहायता मांगी। श्रीकृष्ण, जो हमेशा धर्म की रक्षा के लिए तत्पर रहते थे, तुरंत द्रौपदी की सहायता के लिए प्रकट हुए।

जब दुशासन ने द्रौपदी की साड़ी खींचने का प्रयास किया, तो श्रीकृष्ण ने उनकी साड़ी को दिव्य चमत्कार से इतना लंबा कर दिया कि दुशासन लाख प्रयासों के बावजूद उन्हें अपमानित नहीं कर सका। यह घटना दिखाती है कि कैसे श्रीकृष्ण ने न केवल द्रौपदी की लाज बचाई, बल्कि साड़ी के उस छोटे से टुकड़े का ऋण भी चुकाया, जो उन्होंने शिशुपाल वध के समय उनकी अंगुली पर बांधा था।

6 घंटे बाद इन 6 चुनिंदा राशियों का शुरू होने जा रहा है राज योग, गजकेसरी राजयोग बनते ही मिलेगा साक्षात कुबेर का ऐसा आशीर्वाद जो भर देगा इनका गल्ला

श्रीकृष्ण और द्रौपदी का मित्रता धर्म

श्रीकृष्ण और द्रौपदी का संबंध केवल मित्रता तक सीमित नहीं था; यह धर्म, न्याय, और विश्वास का प्रतीक भी था। चीरहरण की घटना के माध्यम से श्रीकृष्ण ने यह सिद्ध किया कि सच्चे मित्र संकट में साथ देते हैं। उन्होंने न केवल द्रौपदी का सम्मान बचाया, बल्कि यह भी प्रमाणित किया कि कृतज्ञता और वचन का पालन सच्चे धर्म का हिस्सा है।

महाभारत की यह कथा हमें यह सिखाती है कि निस्वार्थ सेवा और सच्ची मित्रता कभी व्यर्थ नहीं जाती। द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा देकर जो सहायता की, उसे श्रीकृष्ण ने ब्याज सहित लौटाया। इस प्रसंग में श्रीकृष्ण का चरित्र न केवल एक ईश्वर के रूप में बल्कि एक आदर्श मित्र के रूप में भी उभरता है। यह घटना हमें यह संदेश देती है कि सच्ची मित्रता में स्वार्थ का कोई स्थान नहीं होता और सच्चे मित्र हर संकट में साथ निभाते हैं।

अघोरियों की मौत के बाद शरीर के साथ किया जाता है ये काम, डेढ़ महीनों तक होता है खौफनाक खेल, आखिर में जो होता है सुनकर कांप जाएगी रूह

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Tags:

Draupadi Ka Shri Krishna Par KarjFacts About Mahabharat
Advertisement · Scroll to continue

लेटेस्ट खबरें

Advertisement · Scroll to continue