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India News (इंडिया न्यूज़), Jagannath Puri Temple: 7 जुलाई 2024 से जगन्नाथ रथ यात्रा आरंभ होने वाली है। इस यात्रा की तैयारी जोरों पर है, देश में ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने के लिए आ रहे हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने से 100 यज्ञ करने के बराबर फल की प्राप्ति होती हैं। यात्रा के बारे में बताएं तो इसके अंदर भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथ में सवार होकर यात्रा करते हैं। जिससे वह अपनी मौसी के घर गुंडीचा मंदिर जाते हैं।
उसे स्थान पर 7 दिन विश्राम करने के बाद वह अपने मंदिर वापस लौटते हैं। इस दौरान लाखों की तादाद में भक्त इस यात्रा में सम्मिलित होते हैं और प्रभु जगन्नाथ के दर्शन करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मंदिर से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं। जिनके बारे में कोई नहीं जानता जिनमें से एक रहस्य यह है कि इस मंदिर में अविवाहित जोड़ों का प्रवेश करना निषेध है।
बता दे की पूरी की जगन्नाथ मंदिर में अविवाहित जोड़े, प्रेमी जोड़े हो या फिर वह जोड़ जिनका विवाह तय हो गया हो लेकिन अभी विवाहित ना हो उनका प्रवेश निषेध है। अविवाहित जोड़ों को मंदिर में आने के लिए मना किया जाता है. जिसके पीछे एक पौराणिक कथा बताई जाती है, जिसमें राधा रानी ने एक श्राप दिया था।
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पुरी के जगन्नाथ मंदिर के बारे में बताएं तो इसमें भगवान श्री कृष्णा जगन्नाथ स्वरूप में अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ विराजमान है। इस मंदिर में राधा रानी के स्वरूप को विराजमान नहीं किया गया है। पुराने कथाओं के अनुसार एक बार राधा रानी है, श्री कृष्ण के जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए पुरी के जगन्नाथ में प्रवेश करना चाहा था लेकिन श्री कृष्ण के परम भक्त और मंदिर के पुजारी ने उन्हें द्वार पर ही रोक दिया।
ऐसे में जब राधा रानी ने उनसे रोकने की वजह पूछी तो पुजारी ने कहा कि देवी आप भगवान श्री कृष्ण की प्रेमिका है ना कि उनके बिहाती। ऐसे में जब श्री कृष्ण की पत्नियों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिला तो आपको कैसे प्रवेश दे दिया जाए। यह सुनने के बाद राधा रानी काफी क्रोधित हो गई और उन्होंने श्राप दे दिया।।
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यह सुनने के बाद राधा रानी काफी क्रोधित हो गई और जगन्नाथ मंदिर को श्राप दे दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अब से कोई भी अविवाहित जोड़ी इस मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएगी। अगर वह प्रवेश करती है और इसी कोशिश भी करती है तो उसके जीवन में कभी भी प्रेम नहीं मिलेगा, तब से अब तक यहां पर प्रथा बन गई की कोई भी अविवाहित जोड़ा यहां पर प्रवेश नहीं करेगी। Jagannath Puri Temple
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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