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Kaliyuga These Brave Warriors Of Mahabharata Will Also Be Born Along With Lord Kalki What Is Their Fate
कलयुग में भगवान Kalki के साथ महाभारत के ये वीर योद्धा भी लेंगे जन्म, क्या है उनका नाम?
कलयुग में भगवान Kalki के साथ महाभारत के ये वीर योद्धा भी लेंगे जन्म, क्या है उनका, In Kaliyuga, these brave warriors of Mahabharata will also be born along with Lord Kalki, what is their fate-IndiaNews
India News (इंडिया न्यूज़), Kalki Avtar: कलयुग जिसका अंत भी अगर सोच ले तो रूह काँप उठती हैं कहते हैं ये युग सबसे खतरनाक और पापी युग में गिना जाता हैं। वही जहा इसके अभी लाखो साल बाकि हैं, कलयुग के अंत में भगवान विष्णु के दसवें अवतार, भगवान कल्कि, का जन्म होगा। इसके साथ ही महाभारत के कुछ वीर योद्धाओं का भी पुनर्जन्म होगा। वे योद्धा भगवान कल्कि के साथ मिलकर धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे और अधर्म का नाश करेंगे।
यहां उन वीर योद्धाओं के नाम और उनकी कहानी दी गई है:
अश्वत्थामा:
कहानी: महाभारत के युद्ध में गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र, अश्वत्थामा, एक अमर योद्धा थे। युद्ध के अंत में, कृष्ण ने उन्हें श्राप दिया कि वे कलयुग के अंत तक पृथ्वी पर भटकते रहेंगे। जब भगवान कल्कि का अवतार होगा, तो अश्वत्थामा उनके प्रमुख सहयोगी होंगे और अधर्म का नाश करने में सहायता करेंगे।
कृपाचार्य:
कहानी: कृपाचार्य, जिन्हें कृप के नाम से भी जाना जाता है, कुरु वंश के राजकुमारों के गुरु थे और महाभारत युद्ध में कौरवों के साथ लड़े थे। वे अमरता का वरदान प्राप्त करते हैं और भगवान कल्कि के अवतार में उनकी सहायता करेंगे।
वेद व्यास:
कहानी: वेद व्यास, महाभारत के लेखक और महान ऋषि, जिन्होंने वेदों का संकलन किया था, भी कल्कि अवतार में पुनः प्रकट होंगे। वे भगवान कल्कि को ज्ञान और धर्म की शिक्षा देंगे।
पारशुराम:
कहानी: भगवान विष्णु के छठे अवतार, पारशुराम, अमर माने जाते हैं। वे महाभारत के समय भी जीवित थे और भगवान कल्कि के अवतार में उन्हें युद्ध और शस्त्रों की शिक्षा देंगे।
हनुमान:
कहानी: रामायण के महान भक्त और योद्धा हनुमान जी भी अमरता का वरदान प्राप्त करते हैं। वे भगवान कल्कि के अवतार में उपस्थित रहेंगे और उन्हें अपने बल और भक्ति से सहायता प्रदान करेंगे।
ये वीर योद्धा और ऋषि भगवान कल्कि के साथ मिलकर धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे और कलयुग के अंत में अधर्म और अनीति का नाश करेंगे। उनकी उपस्थिति और सहयोग से पृथ्वी पर फिर से सत्य और धर्म की स्थापना होगी, जिससे एक नए युग की शुरुआत होगी।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।