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Ganesh Chaturthi 2023: जानें गणेश चतुर्थी का डेट, मूर्ति स्थापना मुहूर्त, पूजा की सही विधि और महत्व

Roshan Kumar • LAST UPDATED : September 16, 2023, 7:06 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Ganesh Chaturthi 2023, दिल्ली: इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर, मंगलवार से शुरू होगी। यह दिन भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्दशी को विनायक चतुर्दशी या गणेश उत्सव भी कहा जाता है। भगवान गणेश के सम्मान में यह त्योहार महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे कई राज्यों में बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

10 दिनों तक मनाया जाने वाला गणेश उत्सव उत्सव 28 सितंबर, गुरुवार को गणेश विसर्जन के साथ संपन्न होगा। यह उत्सव भगवान गणेश को समर्पित है, जो बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं। भगवान गणेश को विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे – गजानन, धूम्रकेतु, एकदंत, वक्रतुंड, सिद्धि विनायक आदि।

2023 में गणेश चतुर्थी कब है?

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष के दौरान हुआ था। यह आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त-सितंबर महीने में आता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023, मंगलवार को मनाई जाएगी।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, विनायक चतुर्दशी 2023 सोमवार, 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे शुरू होगी और मंगलवार, 19 सितंबर को रात 8:43 बजे समाप्त होगी। इसके अलावा, यदि आप मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त को देखें तो यह सुबह 11:01 बजे शुरू होगा और दोपहर 01:28 बजे तक रहेगा। इसकी अवधि 02 घंटे 27 मिनट होगी। लोगों को गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले चंद्रमा के दर्शन से बचना चाहिए।

क्या है पूजा मुहूर्त?

इस साल रक्षाबंधन और कृष्ण जन्माष्टमी की तरह गणेश चतुर्थी का त्योहार 18 सितंबर से शुरू होगा या 19 सितंबर को, इसे लेकर लोग असमंजस में हैं। 2023 में गणेश चतुर्थी का 10 दिवसीय त्योहार मंगलवार, 19 सितंबर, 2023 को मनाया जाएगा।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, विनायक चतुर्दशी 2023 सोमवार, 18 सितंबर को दोपहर 12:39 बजे शुरू होगी और 19 सितंबर को रात 8:43 पर समाप्त होगी। इसके अलावा, यदि आप मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त पर नजर डालें तो यह सुबह 11:01 बजे शुरू होगा और दोपहर 01:28 बजे तक रहेगा। इसकी अवधि 02 घंटे 27 मिनट होगी।

गणेश चतुर्थी पूजा विधि

भक्तों को जल्दी उठना चाहिए, स्नान करना चाहिए और अच्छे साफ कपड़े पहनने चाहिए। एक चौकी लें, उसे लाल या पीले कपड़े से ढककर मूर्ति रखें। गंगा जल छिड़कें, दीया जलाएं, माथे पर हल्दी-कुमकुम का तिलक लगाएं, लड्डू या मोदक चढ़ाएं, पीले फूल का सिन्दूर, मीठा पान, पान सुपारी लौंग, 5 प्रकार के सूखे मेवे, 5 प्रकार के फल और सिर को किसी दुपट्टा से ढक लें।

जिस स्थान पर मूर्ति रखी है उसे विभिन्न सजावटी सामग्रियों से सजाएं। पूजा की शुरुआत “ओम गं गणपतये नमः” मंत्र से करें। बिंदायक कथा, गणेश स्तोत्र का पाठ करें और गणेश आरती का जाप करें। इन दिनों में लोगों को भजन कीर्तन जरूर करना चाहिए। ये दिन सबसे शुभ और पवित्र माने जाते हैं, इसलिए जो लोग भगवान गणेश को घर पर नहीं ला सकते हैं, वे मंदिरों में जाकर पूजा कर सकते हैं और भगवान गणपति को लड्डू और दूर्वा चढ़ा सकते हैं।

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