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Kullu Dussehra 2023: अनोखा है यहां का दशहरा, ये है परंपरा

BY: Mudit Goswami • LAST UPDATED : October 22, 2023, 2:59 pm IST
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Kullu Dussehra 2023: अनोखा है यहां का दशहरा, ये है परंपरा

Kullu Dussehra 2023

India News (इंडिया न्यूज), Kullu Dussehra 2023: देश भर में दशहरा काफी धूमधाम से अगल-अलग तरह से मनाया जाता है। इसी में हिमाचल का कुल्लू शहर का दशहरा बिल्कुल ही खास और अनोखा है। यहां दशहरे का समापन होने के बाद दशहरा शुरु होता है। यहां दशहरे में रावण का दहन नहीं होता है। इसकी जगह यहां पर दशहरा एक प्रकार का रंगारंग आयोजन है जो दशमी तिथि से शुरू होकर अगले 7 दिन तक चलता है।

मान्यता है कि इसे देखने स्‍वयं देवतागण धरती पर आते हैं। वहीं स्‍थानीय लोग यहां ढोल नगाड़ों की धुन पर नाचते हुए उनके रथों को खींचते हैं और मस्ती में जूमते गाते चलते है जिसके नजारे को पूरी दुनिया देखती है। दशहरे के इस खास आयोजन को हिमाचल प्रदेश की संस्‍कृति और आस्‍था से जोड़कर देखा जाता है। जानिएं इससे जूड़ी रोचक बातें

क्या है इस दशहरे का इतिहास

हिमाचल राज्य के कुल्‍लू शहर में होने वाला ये दशहरा काफी खास है। इस दशहरे का भव्‍य आयोजन धौलपुर मैदान में होता है और यह उगते चंद्रमा के दसवें दिन से आरंभ होकर 7 दिनों तक चलता है। मान्यता है कि इस दशहरे की शुरुआज 16वीं शताब्‍दी से हुई थी और सबसे पहले साल 1662 में यह‍ दशहरा धूम धाम से मनाया गया। कहा जाता है कि इस दशहरे के पहले दिन दशहरे के देवी और मनाली की हिडिंबा कुल्लू आती हैं। इस दौरान राजघराने के सभी सदस्य देवी-देवताओं के आशीर्वाद प्राप्त करने यहां आते है।

रघुनाथजी है यहां के सबसे बड़े देवता

इसके पीछे की कहानी की बात करें तो कहा जा है कि साल 1650 के दौरान कुल्लू के राजा जगत सिंह को भयंकर बीमारी हो गई थी। एक बाबा ने उनका इलाज अयोध्या के त्रेतानाथ मंदिर से भगवान रघुनाथ की मूर्ति लाकर उसके चरणामृत से करने के लिए कही। कई संघर्षों के बाद रघुनाथ जी की मूर्ति को कुल्लू में स्थापित किया गया और राजा जगत सिंह ने यहां के सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया। इसके बाद भगवान रघुनाथजी को सबसे बड़ा देवता मान लिया गया । तभी से देव मिलन का प्रतीक दशहरा उत्सव आरंभ हुआ। यहां उत्सव हर साल दशहरा के दिन मनाया जाने लगा।

इस दिन आयोजित होगा त्योहार

वहीं, हिमाचल के सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस आयोजन को अंतराराष्‍ट्रीय स्‍त पर पहचाने दिलाने के लिए पूरी कोशिश की। इस मेले में विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक दलों के साथ-साथ रूस, इजरायल, कजाकिस्तान, रोमानिया, क्रोएशिया, वियतनाम, थाईलैंड, पनामा, ईरान, मलेशिया, कीनिया, दक्षिण सूडान, जाम्बिया, ताइवान, घाना, मालदीव और इथियोपिया सहित 19 देशों के कलाकर इस उत्‍सव में हिस्‍सा लेने के लिए शामिल होंगे। बता दें कि उत्सव में 25 अक्‍टूबर को सांस्कृतिक परेड और 30 अक्‍टूबर को कुल्लू कार्निवल किया।

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