Hindi News / Dharam / Mahabharat In Mahabharata The Number Of Peanuts That Shri Krishna Ate The Same Number Of Soldiers Died The Next Day What Was The Secret Of This

महाभारत में जितनी मूंगफली खाते थे श्री कृष्ण अगले दिन मरते थे उतने ही सैनिक क्या था इस बात का रहस्य?

Facts About Mahabharat: महाभारत में जितनी मूंगफली खाते थे श्री कृष्ण अगले दिन मरते थे उतने ही सैनिक क्या था इस बात का रहस्य

BY: Prachi Jain • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Facts About Mahabharat: महाभारत का युद्ध एक ऐतिहासिक और धार्मिक घटना है, जिसे द्वापर युग में धर्म की रक्षा के लिए लड़ा गया था। यह युद्ध 18 दिनों तक चला और इसमें लाखों योद्धाओं और सैनिकों ने भाग लिया। इस युद्ध में पांडवों और कौरवों के बीच भयंकर संघर्ष हुआ, और हर पक्ष ने अपनी तरफ से धर्म या अधर्म का समर्थन किया। इस दौरान, श्री कृष्ण ने अर्जुन के सारथी के रूप में महाभारत के मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और अनेक लीलाओं की रचना की। एक खास लीला, जो श्री कृष्ण ने उडुपी राज्य के राजा के साथ रची, वह एक दिलचस्प और महत्वपूर्ण कहानी है, जो आज भी लोगों के बीच एक रहस्य बनी हुई है।

उडुपी राज्य का राजा और युद्ध में भोजन की समस्या

महाभारत के दौरान, युद्ध में लाखों सैनिक और योद्धा शामिल थे। इस भीषण युद्ध में हर दिन अनेक सैनिक मारे जाते थे, और युद्ध के बाद उन्हें भोजन की आवश्यकता होती थी। उडुपी राज्य के राजा ने इस समस्या का समाधान अपने तरीके से निकाला। वह न तो पांडवों के पक्ष में थे और न ही कौरवों के। हालांकि, उन्होंने युद्ध में दोनों पक्षों के सैनिकों को पर्याप्त भोजन प्रदान करने का जिम्मा लिया।

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राजा की सबसे बड़ी चिंता यह थी कि महाभारत के युद्ध में सैनिकों की संख्या हर दिन बदल रही थी। जब युद्ध में हर दिन सैनिक मारे जाएंगे, तो यह अनुमान लगाना कि कितने सैनिकों के लिए खाना तैयार किया जाए, एक बड़ा संकट बन गया था। यदि उन्होंने कम खाना बनाया, तो कुछ सैनिकों को भूखा रहना पड़ सकता था, और अगर ज्यादा खाना बनाया गया, तो भोजन बर्बाद हो सकता था, जो अन्नपूर्णा के अपमान के समान होता।

भगवान श्री कृष्ण का रहस्य

राजा ने अपनी चिंता श्री कृष्ण के सामने रखी। श्री कृष्ण ने उनकी समस्या का हल बहुत ही चतुराई से निकाला। श्री कृष्ण ने राजा से कहा, “मैं युद्ध के हर दिन कुछ मूंगफली के दाने खाऊंगा। जितने दाने मैं एक दिन में खाऊं, उतने हजार सैनिक उस दिन युद्ध में मारे जाएंगे।”

भगवान श्री कृष्ण का यह रहस्य उडुपी के राजा के लिए एक महान उपाय था। श्री कृष्ण ने राजा को यह भी आदेश दिया कि यह रहस्य किसी के सामने न उजागर किया जाए। राजा ने श्री कृष्ण के आदेश का पालन करते हुए इस उपाय को गुप्त रखा और युद्ध के दौरान मूंगफली के दाने खा कर हर दिन युद्ध में मारे जाने वाले सैनिकों की संख्या का अनुमान लगाया।

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मूंगफली के दाने और युद्ध की संख्या

भगवान श्री कृष्ण के द्वारा बताए गए इस उपाय का पालन करते हुए उडुपी के राजा ने हर दिन की खाद्य सामग्री का सही अनुमान लगाया। मूंगफली के दानों की संख्या से वह जान पाते थे कि उस दिन कितने सैनिक युद्ध में मारे जाएंगे और उसके अनुसार उन्होंने सैनिकों के भोजन की व्यवस्था की। इस उपाय से भोजन की कोई भी बर्बादी नहीं हुई, और सभी सैनिकों को समय पर और पर्याप्त भोजन मिल सका।

श्री कृष्ण का अद्भुत उपाय

यह श्री कृष्ण की एक अद्भुत लीला थी, जो न केवल युद्ध के दौरान भोजन की समस्या का समाधान करती थी, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे भगवान ने एक छोटे से उपाय के माध्यम से बड़े संकट का समाधान किया। मूंगफली के दाने और युद्ध में मारे गए सैनिकों की संख्या का यह रहस्य उडुपी के राजा के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को नहीं पता था।

महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण की यह लीला एक महत्वपूर्ण उदाहरण है कि कैसे भगवान अपने भक्तों की समस्याओं का समाधान अनूठे तरीकों से करते हैं। उडुपी के राजा ने श्री कृष्ण की दी गई गुप्त सलाह के आधार पर युद्ध के दौरान भोजन की व्यवस्था में कोई कमी या बर्बादी नहीं होने दी। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी छोटे से उपायों में बड़ी समस्याओं का समाधान छिपा होता है, और यदि भगवान का मार्गदर्शन मिले, तो कोई भी कठिनाई आसान हो सकती है।

यह भी दिखाता है कि युद्ध में विजय केवल शारीरिक बल पर नहीं, बल्कि बुद्धि, विवेक और भगवान के आशीर्वाद से भी मिल सकती है। श्री कृष्ण ने इस लीला के माध्यम से यह साबित किया कि धर्म की रक्षा के लिए हर कदम पर उनका मार्गदर्शन और सहायता उपलब्ध है।

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