संबंधित खबरें
घर के मंदिर में रख दी जो ये 2 मूर्तियां, कभी धन की कमी छू भी नही पाएगी, झट से दूर हो जाएगी कंगाली!
इन 3 राशियों के पुरुष बनते हैं सबसे बुरे पति, नरक से बदतर बना देते हैं जीवन, छोड़ कर चली जाती है पत्नी!
अंतिम संस्कार के समय क्यों मारा जाता है सिर पर तीन बार डंडा? जानकर कांप जाएगी रूह
साल 2025 में सूर्य ग्रहण और शनि तो होने वाला है संगम, इन 3 राशियों की खुल सकती है किस्मत, जानें कब बनेगा ये शुभ संयोग!
पांचों पांडवो में किसको दिल दे बैठी थीं दुर्योधन की पत्नी, मन नें ही दबाए रखी थी इच्छा, फिर ऐसे हुआ विवाह!
महाभारत युद्ध में अर्जुन के रथ पर सवार थे हनुमान, फिर ऐसा क्या हुआ जो कर्ण की जान लेने पर उतारू हुए केसरी नंदन?
India News (इंडिया न्यूज), Ugna Mahadev Temple In Bihar: बिहार के मधुबनी जिले में स्थित उगना महादेव मंदिर एक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ भगवान शिव के अनोखे रूप में सेवा करने की अद्भुत कथा जुड़ी हुई है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी पौराणिक कथा भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। इस मंदिर का नाम भगवान शिव के “उगना” रूप से जुड़ा हुआ है, जब उन्होंने एक भक्त की सेवा करने के लिए साधारण नौकर का रूप धारण किया था।
बहुत समय पहले की बात है, मधुबनी जिले में विद्यापति नाम के एक महान शिवभक्त रहते थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने एक साधारण गरीब व्यक्ति के रूप में उनके पास आकर नौकरी मांगी। उन्होंने अपना नाम “उगना” बताया और कहा कि उन्हें केवल दो वक्त का भोजन चाहिए, और इसके बदले वे विद्यापति के घर में काम करेंगे। विद्यापति ने उनकी विनम्रता देखकर उन्हें अपने यहाँ काम पर रख लिया।
कौन है महादेव के भी आराध्य देव…जिनके ध्यान में खुद शिवशंकर भी रहते है लीन?
एक दिन विद्यापति राजा के दरबार में जाने के लिए निकले और उगना को भी साथ ले गए। रास्ते में गर्मी के कारण विद्यापति को प्यास लगी, लेकिन कहीं पानी नहीं दिख रहा था। उगना ने अपनी जटाओं से जल निकाला और विद्यापति को दिया। विद्यापति ने जब जल पिया तो उन्हें महसूस हुआ कि यह गंगाजल है। वह समझ गए कि उगना साधारण व्यक्ति नहीं, बल्कि स्वयं भगवान शिव हैं। उन्होंने उगना के चरण पकड़ लिए और शिवजी ने उन्हें अपनी वास्तविकता का एहसास करवाया। लेकिन उन्होंने विद्यापति से वादा लिया कि वे किसी को भी उनके असली रूप के बारे में नहीं बताएंगे, अन्यथा वे कैलाश वापस लौट जाएंगे।
कुछ समय बाद, एक दिन विद्यापति की पत्नी ने उगना से कोई काम करने को कहा। काम करते समय उगना से गलती हो गई, जिससे विद्यापति की पत्नी ने उन्हें गुस्से में आकर मार दिया। उसी समय विद्यापति घर लौट आए और उन्हें देखकर बोले, “तुमने साक्षात भगवान शिव को मारा है।” यह सुनते ही शिवजी वहाँ से अंतर्ध्यान हो गए और वापस कैलाश लौट गए।
विद्यापति को अपनी भूल का एहसास हुआ और वह भगवान शिव को खोजने जंगलों में भटकने लगे। अंततः भगवान शिव फिर से प्रकट हुए और बोले कि वे अब उगना के रूप में उनके साथ नहीं रह सकते। इसके बाद एक शिवलिंग प्रकट हुआ, जिसे आज उगना महादेव के रूप में पूजा जाता है।
उगना महादेव मंदिर भक्तों के लिए श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह स्थान इस बात की याद दिलाता है कि भगवान शिव न केवल समस्त संसार के देवता हैं, बल्कि अपने भक्तों की सेवा करने के लिए भी वे किसी भी रूप में आ सकते हैं। इस मंदिर से जुड़ी यह कथा भक्तों को सिखाती है कि सच्ची भक्ति से भगवान प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के पास किसी भी रूप में आ सकते हैं।
कर्ण के शव को देख दुर्योधन के मुंह से निकला था कुछ ऐसा कि…पांडव भाइयों के भी उड़ गए थे होश?
उगना महादेव की यह कथा भगवान शिव की करुणा और भक्ति की महानता को दर्शाती है, जो भक्तों को आस्था और प्रेम से जोड़ती है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.