होम / इस वजह से महादेव की शिवलिंग की होती है पूजा, संसार में अंधकार का क्या है महत्व?

इस वजह से महादेव की शिवलिंग की होती है पूजा, संसार में अंधकार का क्या है महत्व?

Simran Singh • LAST UPDATED : July 13, 2024, 12:57 pm IST
ADVERTISEMENT
इस वजह से महादेव की शिवलिंग की होती है पूजा, संसार में अंधकार का क्या है महत्व?

Arunachaleshwar Mahadev

India News (इंडिया न्यूज़), Arunachaleshwar Mahadev: भगवान भोलेनाथ की आराधना कर किसी भी दुख को दूर करके सुख की प्राप्ति की जा सकती है। वही भगवान की मूर्ति से ज्यादा उनके लिंग की पूजा करने का महत्व माना जाता है और कई लोगों के मन में यह सवाल भी उत्पन्न होता है की सबसे पहली शिवलिंग कहां उत्पन्न हुआ था।

  • महादेव के खास मंदिर की क्या है कहानी
  • लाखों की संख्या में आता है भक्त

अरुणाचलेश्वर महादेव का मंदिर

अरुणाचल प्रदेश में अन्नामलाई पर्वत पर मौजूद तमिलनाडु में स्थित यह पर्वत के पास भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर मौजूद है। जिसको अरुणाचलेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के पास पर्वत पर नवंबर से दिसंबर के बीच त्यौहार मनाया जाता है। जिसे कार्तिगई दीपम के नाम से जाना जाता है।

Career Rashifal: इन राशियों पर होगी सुनहरी बारिश, खुद चलकर आएगा पैसा

लाखों की संख्या में आते हैं भक्त

इसके साथ ही बता दें की इस मंदिर में भगवान के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में भक्तजन पहुंचते हैं। इस दिन पर्वत की शिखा पर घी का एक अग्नि पूंज जलाया जाता है। जो सिर्फ के अग्नि स्तंभ का प्रतीक होता है। इस खास अवसर और महाशिवरात्रि के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने और उसे दिव्या ज्योति को देखने आते हैं।

आठ राशियों से है आठ शिवलिंग का संबंध

बता दे कि अरुणाचलेश्वर मंदिर के आसपास 8 दिशाओं में 8 शिवलिंग स्थापित है। जो अलग-अलग नाम से जाने जाते हैं। वही यह सभी शिवलिंग अलग राशि का प्रतीक है। इंद्रलिंगम का संबंध वृष राशि से है। अग्नि लिंगम का संबंध सिंह राशि से, यम लिंगम का संबंध वृश्चिक राशि से, नैऋत्य लिंगम का संबंध मेष राशि से, वरुण लिंगम का संबंध मकर और कुंभ राशि से, वायु लिंगम का संबंध कर्क राशि से, कुबेर लिंगम का संबंध धनु और मीन राशि से, वही ईशान लिंगम का संबंध मिथुन और कन्या राशि से। ऐसे में लोग अपनी राशि के अनुसार ही ग्रहों के दोष दूर करने के लिए इन शिवलिंगों की खास पूजा करते हैं।

भारत में क्यों लगातार बढ़ रहा Lung Cancer? इस कारण से धूम्रपान न करने वालों को हो रहा कैंसर

मंदिर से जुड़ी है मान्यता

वही इस खास मंदिर से जुड़ी मान्यता के बारे में बताया तो हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार। एक बार कैलाश पर्वत पर माता पार्वती ने खेल-खेल में अपने हाथों से शिवजी की आंखें बंद कर दी थी। जिस वजह से उसे समय ब्रह्मांड में अंधकार छा गया था। कई सालों तक पूरे विश्व में अंधकार रहा, उसके बाद माता पार्वती के साथ अन्य देवताओं ने मिलकर तपस्या की तब जाकर शिवजी अग्नि पूजा के रूप में अनामलाई पर्वत के इस शिखर पर प्रकट हुए थे। जिसको अब अरुणाचलेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। उसे दौरान शिव जी ने माता पार्वती के शरीर में विनय किया था और अर्द्धनारीश्‍वर बन गए थे। वही बता दे की अर्द्धनारीश्‍वर का मंदिर इसी पर्वत पर मौजूद है।

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

James Anderson: जेम्स एंडरसन ने क्रिकेट को कहा अलविदा! 21 साल मे बनाए ये बेबाक रिकॉर्ड्स

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT