India News (इंडिया न्यूज),Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला हिंदू धर्म में सबसे बड़े और सबसे पवित्र समारोहों में से एक माना जाता है। यह भक्ति मेला हर बारह साल में एक बार आता है। 2025 में होने वाले इस पवित्र आयोजन में भाग लेने के लिए लाखों श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एकत्रित हुए हैं। त्रिवेणी संगम वह स्थान है जहाँ गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियाँ मिलती हैं। साथ ही यहाँ पूजा अनुष्ठान करने और अमृत स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, तो आइए जानते हैं अमृत स्नान इतना महत्वपूर्ण क्यों है।
महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान का बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। खासकर प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के तट पर स्नान करने का विशेष महत्व है। वहीं, इस बार महाकुंभ 2025 में कुल 6 अमृत स्नान होंगे, जिसमें पहला स्नान पौष पूर्णिमा यानी 13 जनवरी को हो चुका है। वहीं, दूसरा शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन आयोजित किया गया था।
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इसके बाद तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन किया गया था और चौथा शाही स्नान 02 फरवरी यानी आज किया जाएगा। इसके अलावा आखिरी दो शाही स्नान 12 फरवरी माघ पूर्णिमा और 26 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन किए जाएंगे। ऐसे में अगर आप भी सभी तरह के पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो महाकुंभ में शाही स्नान करने जरूर जाएं।
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नदी को प्रदूषित न करें।
नहाते समय साबुन और शैम्पू का इस्तेमाल न करें।
स्नान के बाद देवी गंगा की भक्तिपूर्वक पूजा करें।
अमृत स्नान करते समय तामसिक चीजों से बचें।
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