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India News (इंडिया न्यूज),Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि का महापर्व आज यानी 8 मार्च को मनाया जा रहा है. यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह को समर्पित है। इस अवसर पर भोलेनाथ के भक्त उनकी आराधना में व्रत रखते हैं और विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन करते हैं। शिव की पूजा सरल तरीके से भी की जा सकती है क्योंकि उनके भक्तों का मानना है कि उन्हें एक लोटा जल चढ़ाने से भी प्रसन्न किया जा सकता है। हालाँकि, महाशिवरात्रि की पूजा के कई नियम और विधियाँ हैं और इनके अनुसार पूजा करना शुभ माना जाता है। क्या आप जानते हैं कि शिव को अर्पित की जाने वाली वस्तुओं में कुछ पेड़ों की पत्तियां भी शामिल होती हैं।
शिव को प्रिय इन पेड़ों की खासियत यह है कि ये स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं। आयुर्वेद में इसके कई गुणों का वर्णन किया गया है। अगर आप इनका सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं तो आपको इनसे कई शारीरिक लाभ मिल सकते हैं। जानिए इन पेड़ों के बारे में…
लोग इसे जहरीला पौधा भी कहते हैं, लेकिन शिव को प्रिय इस पेड़ के जरिए हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। दरअसल, इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में सहायक होते हैं और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के जरिए ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखा जा सकता है। आयुर्वेद कहता है कि मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है।
देवों के देव महादेव को बेल का वृक्ष अत्यंत प्रिय है। मान्यताओं के अनुसार इसमें भगवान शिव और माता पार्वती का वास है। इसलिए इस वृक्ष की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। शिवरात्रि के दिन या शिव पूजा करते समय थाली में इस पेड़ के पत्ते और फल अवश्य शामिल करने चाहिए। इसमें भी कई गुण मौजूद होते हैं. अगर आपके सिर में दर्द है तो बेल की सूखी जड़ को पानी के साथ पीसकर लेप बना लें। इसे माथे पर लगाएं कुछ ही देर में आपको सिरदर्द से राहत मिल जाएगी। यह आंखों के लिए भी फायदेमंद है।
भगवान शिव को प्रिय पेड़-पौधों में से एक शमी भी है। सिर्फ शिवरात्रि ही नहीं बल्कि सावन और प्रदोष के मौके पर भी इस पौधे के नीचे शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करने से जीवन में सुख और शांति आती है। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को अपनाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। वैसे बहुत कम लोग जानते हैं कि यह पौधा स्वास्थ्य लाभ भी पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, आंखों के दर्द से राहत पाने के लिए शमी के पौधे की मदद ली जा सकती है। इसके अलावा आयुर्वेद में कहा गया है कि यह पौधा खराब कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
डायरिया होने पर शमी के पत्तों को काली मिर्च और शहद के साथ सेवन करने से काफी हद तक राहत मिल सकती है। देसी या घरेलू नुस्खे सेहत के लिए काफी कारगर साबित हो सकते हैं। इन पेड़ों से जुड़े घरेलू नुस्खे अपनाने से पहले आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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