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India News (इंडिया न्यूज़), Mahashivratri 2024, दिल्ली: माना जाता है कि महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के स्वरूप में मनाया जाता है, लेकिन कई विद्वानों के अनुसार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव पहली बार लिंग रूप में प्रकट हुए थे। वैसे कुछ विद्वानों का मानना तो यह भी है कि शिव और पार्वती दोनों ही शिवलिंग के अंदर समाहित होते हैं। दोनों ने पहली बार ही यह स्वरूप प्रकट किया था। इस कारण से दोनों का विवाह इश दिन पर बनाया जाता है।
शिवमहापुराण के रुद्रसंहिता के अनुसार शिव-पार्वती विवाह की तिथि मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को आती है। वही ईशान संहिता में वर्णित है कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान लिंग रूप में प्रकट हुए थे। इसी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। ईशान संहिता ग्रंथ में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मध्य रात्रि में भगवान शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। इसके साथ ही बता दें कि पहली बार शिवलिंग की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी द्वारा की गई थी। इसीलिए महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के प्राकट्य दिवस के रूप में भी मनाया जाता है और शिवलिंग की पूजा की जाती है।
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शिवपुराण के 35वें अध्याय के रूद्र संहिता के अनुसार महर्षि वशिष्ठ ने राजा हिमालय को भगवान शिव और पार्वती विवाह के लिए समझाते हुए विवाह का मुहूर्त मार्गशीर्ष माह के होने वाला तय किया था। इसके बारे में इस संहिता के ग्रंथ 58 से 61 के श्लोक में बताया गया है।
पंचांग के अनुसार महीने की कृष्ण पक्ष की चौदस को शिवरात्रि का दिन है। इस बार यह दिन 8 मार्च शुक्रवार सर्वार्थ सिद्धि योग को पड़ रहा है। जिस वजह से यह दिन काफी शुभ हो चुका है और ऐसे में इस दिन पर शिव पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन सबसे पहले सर्वार्थ सिद्धि योग शिवयोग सिद्धि योग श्रवण नक्षत्र का अद्भुत सहयोग हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग के दौरान किए गए सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। ऐसे में इस शुभ समय शिवरात्रि मनाई जाए तो शिव भक्तों को दोगुना फायदा होता है। Mahashivratri 2024
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शिव योगशिव इस योग में ध्यान और मंत्रो जाप करना शुभ माना जाता है। शुभ समय पर भोलेनाथ की पूजा करने और उनकी कृपा पाने के लिए समय बिल्कुल सही है। घर में शुभ कार्य होने भी योग के अंदर आते हैं।
सिद्ध योगसिद्ध यह योग भगवान गणेश से जुड़ा माना जाता है। इस योग में पूजा करने पर सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। इस मुहूर्त पर घर में वृद्धि के भी आसार बनते हैं
श्रवण नक्षत्र इस नक्षत्र में स्वामी शनि देव की महत्वता को माना जाता है। श्रवण नक्षत्र में जो कार्य किया जाता है उसका परिणाम शुभ ही होता है। इस नक्षत्र की पूर्णिमा से भगवान शिव का श्रावण माह होता है, इसलिए इस दिन पूजा पाठ के अलावा खरीद और नए कामों को भी शुरू किया जाता है। Mahashivratri 2024
इसके अलावा बड़े संत द्वारा बताया गया है की शिवरात्रि शुक्र प्रदोष में पड़ रही है। जो विशेष शुभकारी के लिए माना जाता है। इस सहयोग में भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से हर तरह की परेशानी दूर हो जाती है। शुक्रवार को प्रदोष व्रत रखने से नौकरी और बिजनेस में सफलता प्राप्त होती है। इस दिन व्रत और शिव पार्वती पूजा से समृद्धि आती है। इसके अलावा सौभाग्य और दांपत्य जीवन में भी शुभ संकेत प्राप्त होते हैं।
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