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India News (इंडिया न्यूज़), Mahashivratri 2024, दिल्ली: भगवान शिव के जन्म से जुड़ी कई कथाएं आप लोगों ने सुनी होगी। हर कथा भगवान शिव की उत्पत्ति को लेकर एक नया संवाद को खड़ा करती है। लेकिन भगवान शिव की उत्पत्ति से ही संसार की शुरुआत हुई थी।
एक कथा के मुताबिक यह भी कहा जाता है कि भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु के बीच खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने को लेकर जमकर बहस चल रही थी। वह बहस कर रहे थे कि कौन सर्वश्रेष्ठ है और इस दौरान एक रहस्यमय खंभा उनके सामने आकर खड़ा हो गया। जिसका कोई ओर और छोर नजर नहीं आ रहा था। इस दौरान ही एक आकाशवाणी हुई जिसमें दोनों को खंभे का आखिरी और शुरुआती छोर ढूंढने की चुनौती दी गई। Mahashivratri 2024
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तब ब्रह्मा ने एक पक्षी बनकर और भगवान विष्णु ने एक वराह बनकर छोर को ढूढ़ना शुरू कर दिया, लेकिन कड़े प्रयास के बाद भी दोनों असफल रहे और हार मानकर जब लौटे तो भगवान शिव को उन्होंने अपने सामने पाया। तब जाकर उन्हें एहसास हुआ कि ब्रह्मांड का संचालक और सर्वश्रेष्ठ शक्ति भगवान शिव है। इस कथा में खंभे का स्वरूप भगवान शिव खुद थे। जिसमें उनका ना ही अंत है और ना ही शुरुआत को दिखाया गया था।
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एक और कथा में कहा जाता है कि जब संसार की देवी मां शेरावाली का स्वरूप सामने आया था। तो उन्होंने अपने से विवाह करने के लिए तीन शक्तियों को जन्म दिया था। सबसे पहले उन्होंने ब्रह्मा को बनाया और उनसे कहा कि वह विवाह करें लेकिन ब्रह्मा ने साफ मना कर दिया और कहा कि आप मेरी माता है। इसके बाद उन्होंने भगवान विष्णु की उत्पत्ति की और उनसे विवाह का संवाद किया लेकिन भगवान विष्णु ने भी यही कहा कि आप मेरी माता है और मैं आपसे विवाह नहीं कर सकता, जिसके बाद माता ने इन दोनो शक्ति को खत्म कर दिया था।
आखिर में उन्होंने भगवान शिव की उत्पत्ति की और विवाह के लिए उनसे पूछा जिस पर भगवान शिव ने उन्हें हां कर दिया, लेकिन उन्होंने एक शर्त भी राखी भगवान शिव ने कहा कि वपहले तो आप उन दो शक्तियो को दोबारा जिवित करें और इस जन्म में आपने मेरी उत्पत्ति की है और आप मेरी माता है, लेकिन मैं आपसे आपके अगले जन्म में विवाह कर सकता हूं। जिसके बाद अगले जन्म में माता सती के रूप में जन्मी और उनका विवाह भगवान शिव के साथ हुआ।
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