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India News(इंडिया न्यूज), Draupadi Mahabharat: महाभारत का नाम जब भी आता हैं तो हमारे दिमाग में सबसे पहला ख्याल पांडव और कौरवों की लड़ाई का आता हैं लेकिन वही इसमें एक और भी किरदार ऐसा था जिसके साथ बेहद गलत हुआ था। शायद गलत के नाम से ही आप समझ गए होंगे कि हम किसकी बात कर रहे हैं। जी हाँ आपने सही समझा यहां बात द्रौपदी की हो रही हैं 5 पांडवो की अकेली वधु ‘द्रोपदी’ जिसका नाम महाभारत के सुनहरे पन्नो पर गठित हैं।
द्रोपदी पांचाल के राजा की कन्या और साथ ही बेहद रूपवती और गुणवान थी। जिसके चलते अपनी कन्या के योग्य वीर सुवर ढूंढने के लिए उनके पिता ने अपनी कन्या योग्य एक स्वयंवर भी आयोजित किया था। जिसमे भारतवर्ष सभी क्षेत्रों से राजाओ ने हिस्सा लिया था। लेकिन उन सभी में से सबसे योग्य राजकुमार अर्जुन ने इस स्वयंवर को जीता था। लेकिन पांडवो की मां कुंती के कहे वचनो अनुसार द्रौपदी को पांचो पांडवो से शादी करनी पड़ी थी।
लेकिन वही पांडवो की पत्नी होने के बावजूद भी द्रौपदी पर उसी घर से और भी 5 पुरुषो की गलत नज़र थी यहां तक की एक ने तो राजकुमारी का अपहरण तक करवा लिया था।
इन पांचों पुरुषों में से सबसे पहला नाम आता हैं दुर्योधन के जीजा ”जयद्रथ” का। जयद्रथ शुरू से ही द्रौपदी की सुंदरता से मोहित था जिसके चलते वह उसे अपनी पत्नी बनाना चाहता था साथ ही वनवास के दौरान उसने द्रोपदी का अपहरण तक कर लिया था।
दुर्योधन, कौरवों का प्रमुख, द्रौपदी पर गलत नजर रखने वालों में सबसे प्रमुख था। दुर्योधन ने द्रौपदी के प्रति अपमानजनक व्यवहार किया था, विशेषकर द्यूतसभा के दौरान, जब उसने द्रौपदी को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने की कोशिश की।
दुर्योधन का भाई दुःशासन भी द्रौपदी के प्रति अपमानजनक व्यवहार में शामिल था। द्यूतसभा में, दुर्योधन के आदेश पर, दुःशासन ने द्रौपदी को बालों से खींचकर सभा में लाया और उसका चीरहरण करने का प्रयास किया।
महाभारत का युद्ध समाप्त होने के बाद, कैसे हुई थी द्रौपदी की मौत?
कर्ण, कौरवों का मित्र और सहायक, भी द्रौपदी के प्रति अपमानजनक था। द्यूतसभा में उसने द्रौपदी का अपमान किया और उसे ‘वेश्या’ कहा, यह कहते हुए कि उसने पाँच पतियों को स्वीकार किया है।
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