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India News (इंडिया न्यूज), Secret Behind Owl Worship On Diwali: दिवाली, भारत के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो धन, समृद्धि और रोशनी का प्रतीक है। इसे मनाने की तैयारी आमतौर पर 11 दिन पहले से शुरू होती है, जब उल्लू की पूजा का आयोजन किया जाता है। यह पूजा, देवी लक्ष्मी से जुड़े गहरे तारों को दर्शाती है। आइए, इस परंपरा के पीछे के अर्थ और महत्व को समझते हैं।
उल्लू को भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान दिया गया है। इसे ज्ञान और बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना जाता है। साथ ही, उल्लू को देवी लक्ष्मी का वाहन भी माना जाता है। इसलिए, उल्लू की पूजा करने से न केवल लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि यह समृद्धि और धन के साथ-साथ ज्ञान और समझ भी लाता है।
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उल्लू की पूजा आमतौर पर ‘धनतेरस’ के दिन होती है, जो दिवाली से 11 दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन को धन के देवता कुबेर की पूजा के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। उल्लू की पूजा का मुख्य उद्देश्य लक्ष्मी जी को प्रसन्न करना और उनके आशीर्वाद से जीवन में धन और समृद्धि को आमंत्रित करना है।
उल्लू की पूजा में विशेष ध्यान रखा जाता है। भक्त पहले उल्लू को आमंत्रित करते हैं और फिर उसे अपने घर के आंगन में बैठाते हैं। उसके बाद, श्रद्धापूर्वक उसके सामने आटा, चना, और गुड़ आदि का भोग अर्पित किया जाता है। इस पूजा में विशेष मंत्रों का जाप भी किया जाता है, जिससे देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
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मान्यता है कि जो लोग उल्लू की पूजा करते हैं, उनके घर में लक्ष्मी जी का वास होता है। यह पूजा केवल धन के लिए नहीं, बल्कि सुख-शांति और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण है। उल्लू की पूजा के माध्यम से भक्त यह प्रार्थना करते हैं कि उनके जीवन में समृद्धि का प्रकाश हमेशा बना रहे।
उल्लू की पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह एक गहरी सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है। यह हमें याद दिलाती है कि ज्ञान, समृद्धि और खुशियों का सच्चा मार्ग केवल धन के माध्यम से नहीं, बल्कि सही सोच और आचरण से गुजरता है। दिवाली के इस पर्व पर, उल्लू की पूजा से हम मां लक्ष्मी के आशीर्वाद के साथ-साथ ज्ञान और बुद्धिमत्ता भी प्राप्त करते हैं।
इस प्रकार, उल्लू की पूजा दिवाली से ठीक 11 दिन पहले न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह हमें अपने जीवन में लक्ष्मी जी के आशीर्वाद और समृद्धि की ओर अग्रसर होने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है।
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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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