संबंधित खबरें
दुश्मनी के बावजूद भी क्यों पांडवों ने कर्ण के बेटे को सौंप दिया था इन्द्रप्रस्थ का राजपाठ? कौन था कर्ण का वो एक बेटा जो रह गया था जीवित?
कलियुग की स्त्रियों को लेकर श्रीकृष्ण की अर्जुन से कही ये 3 बातें आज हो रही है पत्थर की लकीर की तरह सच, जानें सबकुछ
पर्स में ये एक चीज रखते ही खींची आती है मां लक्ष्मी…पैसों के साथ-साथ जीवन में भी भर देती है सुख-समृद्धि
2025 में राहु-केतु करेंगे इन 3 राशियों का बंटा धार, राजा से फ़कीर बनाने में नहीं छोड़ेंगे कोई कसर, जानें नाम
शिव की नगरी काशी से कभी नहीं लानी चाहिए ये 2 चीजें घर, पाप नहीं महापाप बन जाएगी आपकी ये भूल?
पूरे 9 साल के बाद इन 5 राशियों पर शांत हुआ मां काली का गुस्सा, अब जिंदगी में दिखेंगे दो बड़े बदलाव
India News (इंडिया न्यूज़), Pitr Paksh: पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। पितृ पक्ष या श्राद्ध करीब 16 दिनों के होते हैं। यह हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से अश्विन माह की अमावस्या तक चलता है। श्राध्द पक्ष की शुरुआत गणेश चतुर्थी के अगले दिन पहली पूर्णिमा से होती है। पितृ पक्ष में वंशज अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करते हैं। इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर 2023 से शुरू हो कर 14 अक्टूबर 2023 तक रहेगा।
पितरों की शांति के लिए पिंड दान या श्राध्द कर्म किये जाते हैं। पितृ पक्ष में श्राध्द करने का महत्व अधिक माना जाता हैं। शास्त्र के अनुसार, जिस पूर्वज, पितर या परिवार के मृत सदस्य के मृत्यु की तिथि याद हो तो पितृ पश्र में पड़ने वाली उसी तिथि को उनका श्राध्द करना चाहिए। अगर देहावसान की तिथि मालूम न हो तो अव्श्रिन अमावस्या को श्राध्द किया जा सकता हैं।
ये भी पढ़े- Sawan 2023: कावड़ यात्रा के दौरान भूलकर भी ना करें ये गलतियां, बाबा हो सकते है रुष्ट
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.