संबंधित खबरें
इस विशेष समय में बेहद प्रबल रहता है राहु…बस इस प्रकार करनी होती है पूजा और भर देता है धन-धान्य से तिजोरी
महाभारत युद्ध के बाद आखिर ऐसा क्या हुआ जो भारत में नजर आने लगा तबाही का मंजर! जाने क्या है उन 18 दिनों की कहानी?
महाभारत में दुर्योधन के कुकर्मों के बाद भी क्यों मिला स्वर्ग, और पांडवों को अपनी अच्छाई के बाद भी इस एक गलती के कारण झेलना पड़ा था स्वर्ग!
Kalashtami Katha 2024: जब भगवान शिव के इस अवतार ने अपने नाखून से काटा था ब्रह्मा जी का सर, ब्रह्म हत्या के पाप का लग गया था आरोप, जानिए क्या है इसका रहस्य!
इन 4 राशि के जातकों के वेशी योग से खुल जाएंगे भाग्य, इतनी मिलेगी सुख समृद्धि जिसे आप भी होंगे बेखबर, जानें क्या है आज का राशिफल?
चल रही है शनि की महादशा? इस तरीके से शनि महाराज से मांगें माफी, कट जाएंगे सारे कष्ट…दिखेगा शनि का अलग रूप
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Pitru Paksha 2021: वर्ष 2021 में पितृ पक्ष का प्रारंभ हो गया है। इसे श्राद्ध पक्ष या महालय भी कहा गया है। श्राद्ध पक्ष पूरे 15 दिन की अवधि होती है जिसमें श्राद्ध कर्म करने की परंपरा है। मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज सूक्ष्म रूप में पृथ्वी पर आते हैं। पितरों के लिए किए गए दान, पुण्य, तर्पण, श्राद्ध कर्म इत्यादि से उन्हें प्रसन्नता होती है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। पितृ पक्ष की यह विशेष अवधि भाद्रपद मास की पूर्णिमा से प्रारंभ होती है और अश्विन मास की अमावस्या पर समाप्त होती है। पितृ पक्ष के दौरान, पंचबली का विशेष महत्व है। श्राद्ध पक्ष में पंचबली भोजन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
Sarva Pitru Amavasya 2021 Date Shradh Vidhi Muhurta
पंचबली में 5 विशेष जीवों को श्राद्ध का भोजन खिलाने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि जब यह जीव श्राद्ध के भोजन को स्वीकार करते हुए खा लेते हैं तब पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है। ऐसा भी कहा जाता है कि पंचबली करने से पितृ दोष से भी मुक्ति प्राप्त होती है तथा पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पंचबली में पांच अलग-अलग पत्तलों में ब्राह्मणों के लिए तैयार किए गए भोजन निकाले जाते हैं। अब इन पांच पत्तलों पर अलग-अलग मंत्रों का जाप करते हुए अक्षत छिड़का जाता है। फिर अंत में इसे जीवों को समर्पित कर दिया जाता है।
1. ॐ कुलदेवतायै नम: (21 बार)
2. ॐ कुलदैव्यै नम: (21 बार)
3. ॐ नागदेवतायै नम: (21 बार)
4. ॐ पितृ देवतायै नम: (108 बार)
5. ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्।- (1 लाख बार)
पितृ पक्ष में पंचबली बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ब्राह्मण भोजन के साथ-साथ पंचबली भोजन को भी विशेष माना गया है। पंचबली भोजन में 5 स्थानों पर भोजन रखा जाता है जिसे गाय, चींटी, कौए और कुत्ते को खिलाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, पंचबली भोजन से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है तथा वह प्रसन्न होते हैं।
Must Read:- Navratri Messages For Colleagues
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.