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India News(इंडिया न्यूज), Jagannath Mandir-Ratna Bhandar: हर साल ओडिश में होने वाले जगन्नाथ मंदिर में 12वीं सदी में मौजूद प्राचीन खजाने के आंतरिक कक्ष को 18 जुलाई को फिर से खोला जाने वाला है। वहीं जानकारी के लिए बतता दें कि ये खजाना 46 साल के अंतराल के बाद 14 जुलाई को खोला जाने वाला है। इसके बाहरी कक्ष की बात करें तो इसमें कीमती चीजें शिफ्ट कर दी गईं, लेकिन आंतरिक कक्ष की शिफ्टिंग अभी बाकी है। मंदिर का यह ताबीज खजाना कल शुभ मुहूर्त पर खोला जाएगा।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन गुरुवार को रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को फिर से खोलेगा, ताकि इसमें मौजूद रत्नों को अस्थायी भंडारगृह में शिफ्ट किया जा सके। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढ़ी, रत्न भंडार की देखरेख के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित समिति के अध्यक्ष विश्वनाथ रथ, पुरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हुई बैठक में 18 जुलाई को रत्न भंडार को फिर से खोलने का निर्णय लिया गया। एजेंसी के मुताबिक बैठक के बाद विश्वनाथ रथ ने कहा कि हम 18 जुलाई को सुबह 9:51 से दोपहर 12:15 बजे के बीच फिर से ताले खोलेंगे और आंतरिक रत्न भंडार में प्रवेश करेंगे। इसमें मौजूद कीमती सामान को अस्थायी स्टोर रूम में शिफ्ट किया जाएगा। Jagannath Mandir-Ratna Bhandar
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एएसआई के सदस्य इसका आकलन करेंगे। पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी की जाएगी। विश्वनाथ रथ ने कहा कि कीमती सामान वाले सभी बक्सों को शिफ्ट करने में लॉजिस्टिक कठिनाइयों के कारण, कंटेनरों में रखे आभूषणों को मंदिर परिसर के भीतर एक अस्थायी कोषागार में शिफ्ट किया जाएगा। यहां सीसीटीवी कैमरे और अन्य आवश्यक सुरक्षा उपाय किए गए हैं। कीमती सामान पहले ही बाहरी कक्ष से शिफ्ट किया जा चुका है इस दौरान उन्होंने कहा कि 14 जुलाई को हमने सरकार की एसओपी का पालन करते हुए बाहरी रत्न भंडार को खोलकर उसमें सारा सामान शिफ्ट कर दिया और इसकी चाबियां जिम्मेदार सदस्यों को सौंप दी गईं। इसके अलावा आंतरिक रत्न भंडार की चाबियां ट्रेजरी से आई थीं, लेकिन चाबी काम नहीं आई।
इसके बाद सरकार की एसओपी के मुताबिक ताला तोड़कर खोला गया। इसके बाद उस दिन समय कम था, इसलिए नया ताला मंगवाकर लगाया गया और चाबी ट्रेजरी को सौंप दी गई। उस दिन इतना काम हो गया। अब बैठक बुलाई गई है। बैठक में तय हुआ कि 18 जुलाई को सुबह 9:51 से दोपहर 12:25 तक शुभ मुहूर्त है, इस दौरान रत्न भंडार खोला जाएगा। सबसे पहले हम बाहरी रत्न भंडार जाएंगे, उसके बाद आंतरिक रत्न भंडार जाकर उसका जायजा लेंगे। इस पूरी प्रक्रिया का पहला शेड्यूल खोलने का है, इसके बाद दूसरा शेड्यूल शिफ्टिंग का है। फिर तीसरा शेड्यूल मरम्मत का है।
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आंतरिक रत्न भंडार में कितना है, इस सवाल का जवाब देते हुए विश्वनाथ रथ ने कहा कि हमने पहले ही बता दिया है कि इसमें क्या है, इसे अभी तक नहीं खोला गया है, उस दिन ज्यादा समय नहीं था। शिफ्टिंग के समय हम फिर से वीडियोग्राफी करेंगे। पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष के बारे में एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं, बाहरी और आंतरिक रत्न भंडार 14 जुलाई को खोले गए थे। बाहरी रत्न भंडार के सभी कीमती रत्न उसी दिन उसी परिसर में बनाए गए अस्थायी स्ट्रांग रूम में स्थानांतरित कर दिए गए थे, लेकिन आंतरिक रत्न भंडार के सभी कीमती रत्न स्थानांतरित नहीं किए जा सके।
हालांकि, आंतरिक रत्न भंडार खोला गया था। इसका ताला नहीं खोला गया था, लेकिन सरकार द्वारा अनुमोदित एसओपी के अनुसार, हम ताला तोड़कर अंदर गए। समय की कमी के कारण रत्नों को स्थानांतरित नहीं किया जा सका। मंदिर में अस्थायी स्ट्रांग रूम के संबंध में उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों के साथ एक आपात बैठक हुई। अब 18 जुलाई को सुबह 9:50 बजे हम जाएंगे और शिफ्टिंग का काम होगा। शिफ्टिंग सरकार द्वारा स्वीकृत एसओपी के अनुसार की जाएगी। इसके बाद रत्नों की गिनती और उनके मूल्य का काम शुरू होगा। 14 जुलाई को भगवान के खजाने के भीतरी कक्ष को 46 साल बाद तीन ताले काटकर खोला गया था। टीम को वहां बक्से (संदूक) और अलमारियाँ दिखाई दीं। Jagannath Mandir-Ratna Bhandar
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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