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Ram Navami 2024: राम नवमी पर सूर्य उपासना का क्या होता है महत्व, नियम करने से मिलेंगे कई फायदे – Indianews

Simran Singh • LAST UPDATED : April 17, 2024, 6:24 am IST
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Ram Navami 2024: राम नवमी पर सूर्य उपासना का क्या होता है महत्व, नियम करने से मिलेंगे कई फायदे – Indianews

Ram Navami 2024

India News (इंडिया न्यूज़), Ram Navami 2024, दिल्ली: देशभर में रामनवमी का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है, क्योंकि इस बार 500 वर्षों के बाद प्रभु श्री राम की जन्म स्थल अयोध्या में इस भव्य रूप से बनाया जाएगा। वहीं 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलीला अयोध्या में विराजमान है। ऐसे में उनके जन्मदिन के मौके पर उनका सूर्य तिलक किया जा रहा है। वहीं इस खास दिन में सूर्य उपासना का काफी महत्व माना जाता है ऐसे में कुछ चीजों के बारें में राम भक्तों को पता होना चाहिए।

  • कया है राम नवमी की खासियत
  • जानें सूर्य उपासना का महत्व
  • ये है जरूरी नियम

क्या होता है सूर्य देव का महत्व?

हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिषी शास्त्र में सूर्य देव का काफी विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू धर्म में पंचदेव से सूर्य को पूजा उपासना के लिए सर्वोपरि माना गया है। सूर्य देव को ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत कहा जाता है और पिता का दर्जा दिया जाता है। वही त्रेयतायुग में भगवान विष्णु ने सातवें अवतार के रूप में अयोध्या में सूर्यवंशी और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम का जन्म ल लिया था। ऐसे में कहा यह भी जाता है कि प्रभु राम अपने दिन की शुरुआत हमेशा सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद करते थे। Ram Navami 2024

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क्या है सूर्य उपासना का महत्व?

शास्त्र में सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में पंचदेव की पूजा उपासना के बारे में भी कई उल्लेख किए गए है। जिसमें गणेश उपासना, शिव उपासना, विष्णु उपासना, देव भगवती उपासना और सूर्य उपासना के नाम शामिल है। ऐसी मान्यता है कि प्रतिदिन सूर्य उपासना करने से कई तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है। इन सभी में सूर्य उपासना को काफी सरल माना जाता है। सूर्य देव प्रसन्न करने के लिए रोजाना उन्हें अघ्य देने की बात की गई है। इसके साथ सूर्य को ग्रहों का राजा भी माना जाता है। ऐसे में जातकों को कुंडली में किसी प्रकार की दोष के प्रभाव को कम करने के लिए सूर्य से प्रार्थना करने की सलाह दी जाती है।

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ज्योतिषी में सूर्य का महत्व

वैदिक शास्त्री के अनुसार सूर्य ग्रह का काफी महत्व होता है। सूर्य को तारों का जातक भी माना जाता है। सूर्य मंडल में सूर्य केंद्र में मौजूद होता है। कुंडली के अध्ययन में सूर्य का खास महत्व भी देखा जाता है, हालांकि शास्त्रों के अनुसार सूर्य एक तारा है। वही बता दे कि सूर्य को कई अन्य नाम से भी जाना जाता है। जिसमें आदित्य, रवि, भास्कर, अर्क, अरुण, भानु और दिवकर भी शामिल है।

तांबे और सोने का स्वामी भी सूर्य देव को माना जाता है। जन्म कुंडली में सूर्य पिता के प्रतिनिधित्व करते हैं। वही सूरज सिंह राशि के स्वामी होते हैं। मेष राशि में सूर्य देव उच्च स्थान पर होते हैं और तुला राशि में सूर्य को नीचे देखा जाता है।

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सूर्य उपासना के नियम Ram Navami 2024

  • सूर्योदय होने के 1 घंटे के अंदर सूर्य देव को जल अर्पित करना शुभ माना जाता है। सकारात्मक ऊर्जा के लिए सुबह देव को 08 बजे तक जल अर्पित कर देना चाहिए।
  • जल अर्पित करते समय सफेद या लाल वस्त्रों को धारण करना शुभ होता है।
  • जल के साथ पुष्प और अक्षत जरूर डालें।
  • जल अर्पित करते समय पूर्व दिशा में मुख रखना चाहिए।
  • सूर्य उपासना के दौरान हमेशा तांबे, पीतल या कांसे के बर्तनों का प्रयोग करें।
  • कभी भी शीशे, प्लास्टिक और चांदी के पात्रों में जल अर्पित ना करें।
  • छात्रों को सूर्य उपासना अध्ययन में सहायता करती है।
  • पिता का हमेशा सम्मान करना चाहिए क्योंकि सूर्य पिता के रूप में देखे जाते है।
  • सूर्य देव को एक ही पात्र से तीन बार जल चढ़ाने के बाद, खड़े होकर एक परिक्रमा करते हुए मंत्रोच्चार करें।
  • रविवार का दिन भगवान सूर्य का होता है। इस दिन उनकी आराधना अच्छी होती है।

सूर्य देव को प्रसन्न करने का मंत्र Ram Navami 2024

एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर।।

  • ॐ घृणि सूर्याय नमः।।
  • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पतेए अनुकंपयेमां भक्त्याए गृहाणार्घय दिवाकररू।।
  • ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।

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