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Rangbhari Ekadashi: कब पड़ रहा रंगभरी एकादशी ? जानें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजन-विधि

BY: Himanshu Pandey • LAST UPDATED : March 15, 2024, 1:09 pm IST
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Rangbhari Ekadashi: कब पड़ रहा रंगभरी एकादशी ? जानें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजन-विधि

Rangbhari Ekadashi

India News (इंडिया न्यूज़), Rangbhari Ekadashi: फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी या रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है। रंगभरी या आमलकी एकादशी महाशिवरात्रि और होली के बीच आती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह एकादशी फरवरी या मार्च माह में आती है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। दरअसल, एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। लेकिन यह एकमात्र ऐसी एकादशी है जिसका संबंध भगवान शिव से है। इसलिए इस दिन काशी विश्वनाथ वाराणसी में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि इसी दिन बाबा विश्व नाथ माता गौरा का गौना कराने के बाद पहली बार काशी आये थे। फिर रंग गुलाल से उनका स्वागत किया गया. इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है। इस साल रंगभरी एकादशी 2 मार्च से शुरू होगी. ऐसे में भक्तों के बीच असमंजस की स्थिति है कि 20 या 21 मार्च 2024 को एकादशी व्रत कब रखें. आप भी जानिए कब है रंगभरी या आमलकी एकादशी?

आमलिका या रंगभरी एकादशी एकादशी तिथि- 20 मार्च दिन बुधवार

शुभ मुहूर्त-

  • एकादशी तिथि आरंभ- 20 मार्च 2024 को 12:21 AM बजे।
  • एकादशी तिथि समाप्त – 21 मार्च 2024 को प्रातः 02:22 बजे।

पारण का समय-

  • पारण करने का समय – 21 मार्च को दोपहर 01:47 बजे से शाम 04:12 बजे तक
  • पारण तिथि पर हरि वासर समाप्त होने का समय – 08:58 AM

एकादशी पूज-विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें।
  • घर के मंदिर में दीपक जलाएं।
  • भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें।
  • भगवान विष्णु को फूल और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।
  • उसके बाद फिर भगवान शंकर और माता पार्वती का जल से अभिषेक करें।
  • अगर संभव हो तो इस दिन व्रत रखें।
  • भगवान की आरती करें।
  • भगवान को भोग लगाएं। ध्यान रखें कि भगवान को केवल सात्विक चीजें ही अर्पित की जाती हैं। भगवान विष्णु के प्रसाद में तुलसी अवश्य शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि, भगवान विष्णु तुलसी के बिना भोजन स्वीकार नहीं करते हैं।
  • इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करें।
  • इस दिन जितना हो सके भगवान का ध्यान करें।

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एकादशी व्रत का पूजा सामग्री-

  • श्री विष्णु का  मूर्ति
  • फूल
  • नारियल
  • पान
  • फल
  • लौंग
  • सूरज की रोशनी
  • चिराग
  • घी
  • पंचामृत
  • अखंड
  • तुलसीदल
  • चंदन
  • मिष्ठान

भगवान शिव और मां पार्वती की पूजन सामग्री- फूल, पांच फल, पांच मेवे, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र , महक,  रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम की मंजरी, जौ की बालें, तुलसी के पत्ते, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीपक, रुई, मलयागिरी, चंदन, श्रृंगार की सामग्री शिव और माता पार्वती आदि।

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