संबंधित खबरें
पांचों पांडवो में किसको दिल दे बैठी थीं दुर्योधन की पत्नी, मन नें ही दबाए रखी थी इच्छा, फिर ऐसे हुआ विवाह!
महाभारत युद्ध में अर्जुन के रथ पर सवार थे हनुमान, फिर ऐसा क्या हुआ जो कर्ण की जान लेने पर उतारू हुए केसरी नंदन?
भूलकर भी इस दिन न छुएं तुलसी का पौधा, अगर कर दिया ऐसा तो घर के एक-एक सदस्य को चुकानी पड़ेगी कीमत
Today Horoscope: आज से इस 1 राशि के नसीब में आएगा अपार धन, तो वही इन 5 राशियों को उठाना पड़ेगा भारी नुकसान, जानें आज का राशिफल
सपने में होते देखना तलाक देता है ये गहरा संकेत, जानें क्या कहता है स्वप्न शास्त्र?
महाभारत के इस महान योद्धा का किसी ने नही किया अंतिम संस्कार, खुद चौंक गए थे यमराज, जानें क्या है छुपा हुआ रहस्य!
India News (इंडिया न्यूज), Ravana Death Story: दशहरा या विजयादशी का त्यौहार भारत में बुराई (अधर्म) पर अच्छाई (धर्म) की जीत के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। विजयादशी का त्यौहार रावण की मृत्यु के साथ-साथ अन्याय के अंत का भी प्रतीक है। दशहरा हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है, जो पंचांग के अनुसार हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल दशहरा 12 अक्टूबर 2024 को है। दशहरा का त्यौहार हमें याद दिलाता है कि अधर्म या अन्याय कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, जीत हमेशा धर्म और सत्य की ही होती है।
दशहरा का त्यौहार हमें अधर्म पर धर्म की जीत के साथ-साथ राम और रावण के बीच हुए युद्ध की भी याद दिलाता है। धार्मिक ग्रंथों में रावण को अत्यंत दुष्ट, राक्षस, शैतान, अत्याचारी आदि बताया गया है। लेकिन इसके साथ ही रावण एक महान विद्वान, महापंडित, राजनीतिज्ञ, महान योद्धा, ज्ञानी, भगवान शिव का भक्त और एक महान योद्धा भी था, जिसे हराना किसी के लिए भी लगभग असंभव था। लेकिन भगवान राम के हाथों रावण का अंत निश्चित था। आइए जानते हैं कि कितने बाण लगने के बाद रावण मारा गया।
श्री रामचरितमानस के अनुसार भगवान राम ने रावण को मारने के लिए 31 बाण चलाए थे। इन 31 बाणों में से 1 बाण रावण की नाभि पर लगा, 10 बाणों ने उसके 10 सिर काट दिए और 20 बाणों ने उसके हाथ धड़ से अलग कर दिए। ऐसा कहा जाता है कि जब रावण का विशाल धड़ धरती पर गिरा तो धरती हिलने लगी।
श्री राम ने रावण का वध एक दिव्य अस्त्र से किया, जो रावण को भगवान ब्रह्मा ने दिया था। हनुमान जी लंका से रावण का यह अस्त्र लेकर आए थे और विभीषण ने राम जी से कहा था कि रावण की नाभि पर वार करने से ही उसका वध होगा, क्योंकि रावण की नाभि में अमृत है। तब भगवान राम ने रावण की नाभि पर बाण चलाया, जिससे रावण का अंत हो गया। त्रेता युग में आश्विन शुक्ल की दशमी तिथि को राम ने उसका वध किया था, इसलिए इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है।
दशहरा पर मां लक्ष्मी ही नही शनि देव भी होंगे प्रसन्न, बस इस खूबसूरत चीज़ से करे उपाय!
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.