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इतने विद्वान राजा रावण के रथ को आखिर क्यों घोड़े नहीं बल्कि खींचते थे गधे….उसे ऐसा करता देख पिता की भी फटी रह गई थी आंखें?

Prachi Jain • LAST UPDATED : September 29, 2024, 3:27 pm IST
इतने विद्वान राजा रावण के रथ को आखिर क्यों घोड़े नहीं बल्कि खींचते थे गधे….उसे ऐसा करता देख पिता की भी फटी रह गई थी आंखें?

Facts About Ravan: रावण को न केवल एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में जाना जाता है, बल्कि वह महान विद्वान और संगीतकार भी था। उसे वेदों का ज्ञान था और वह तंत्र-मंत्र में पारंगत था।

India News (इंडिया न्यूज), Facts About Ravan: रावण की कहानी में बहुत सी दिलचस्प बातें और विशेषताएं हैं, जो उसे एक जटिल और रोचक पात्र बनाती हैं। आइए, आपकी बताई गई जानकारी के साथ कुछ और महत्वपूर्ण पहलुओं पर नज़र डालते हैं:

1. रावण के रथ के गधे

रावण के रथ को गधे खींचते थे, जो कि एक अनोखी बात है। यह दर्शाता है कि रावण का स्थान समाज में क्या था, और उसकी शक्ति या समृद्धि के बावजूद उसे इस तरह का वाहक इस्तेमाल करना पड़ा। यह जानकारी हमें यह भी बताती है कि कैसे प्राचीन साहित्य में ऐसी बातें वर्णित थीं जो आज के समय में अजीब लग सकती हैं।

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2. रावण का डरावना जन्म

रावण का जन्म ऐसे वातावरण में हुआ था जो उसके डरावने स्वरूप को दर्शाता है। उसके पिता, ऋषि विश्रवा, का भयभीत होना यह संकेत करता है कि रावण का जन्म एक विशेष कारण या उद्देश्य के लिए हुआ था, जो आगे चलकर उसकी कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

3. रावण और कुबेर का भाईचारा

रावण और कुबेर का संबंध भाई का था, लेकिन यह भाईचारा द्वेष और संघर्ष से भरा था। रावण ने कुबेर को लंका से निकाल दिया और वहां अपना राज्य स्थापित किया। इससे पता चलता है कि रावण की महत्वाकांक्षा कितनी उच्च थी, और वह अपने परिवार के सदस्यों के प्रति भी क्रूरता दिखाने से नहीं चूकता था।

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4. श्राप का प्रभाव

रंभा द्वारा दिया गया श्राप रावण के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इस श्राप ने उसे न केवल अपनी पत्नी के प्रति विनम्र रखा, बल्कि सीता की लाज की भी रक्षा की। यह घटना रावण के व्यक्तित्व के जटिल पहलुओं को उजागर करती है, जिसमें उसके दुष्कर्म और उसके नकारात्मक परिणाम शामिल हैं।

5. शनि देव की बंदीगिरी

रावण का शनि देव को बंदी बनाना उसकी मूर्खता का प्रतीक है। शनि देव, जो कि एक प्रभावशाली ग्रह हैं, को अपने सिरहाने बांधकर रावण ने अपने आप को और अधिक संकट में डाल लिया। यह घटना उसके अहंकार को दर्शाती है और शायद यही उसका अंत भी लाई।

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6. विद्या और शक्ति

रावण को न केवल एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में जाना जाता है, बल्कि वह महान विद्वान और संगीतकार भी था। उसे वेदों का ज्ञान था और वह तंत्र-मंत्र में पारंगत था। इस प्रकार, रावण का चरित्र केवल एक बुरे पात्र तक सीमित नहीं है; वह एक जटिल व्यक्तित्व है, जिसमें ज्ञान, शक्ति, और अहंकार का मिश्रण है।

इन सभी पहलुओं से स्पष्ट होता है कि रावण की कहानी केवल एक बुरे व्यक्ति की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी कथा है जो मानवता के विभिन्न गुणों और अवगुणों को प्रदर्शित करती है। उसकी त्रासदी इस बात में है कि वह अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करता है, जिसके परिणामस्वरूप उसका विनाश होता है।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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