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इस्लामिक देशों में इस तरह पैर पसार रहा सनातन धर्म, Mahakumbh Video में देखें कट्टर मुस्लिमों की भक्ति, फटी रह जाएंगी आखें

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : January 17, 2025, 5:30 pm IST
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इस्लामिक देशों में इस तरह पैर पसार रहा सनातन धर्म, Mahakumbh Video में देखें कट्टर मुस्लिमों की भक्ति, फटी रह जाएंगी आखें

Maha Kumbh 2025: इस्लामिक देशों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है सनातन धर्म महाकुंभ को लेकर उत्साह में दिखें कट्टर मुस्लिम भी

India News (इंडिया न्यूज), Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ 2025 न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक घटना के रूप में उभरा है। इस बार महाकुंभ का आकर्षण न केवल भारतीयों के बीच, बल्कि पाकिस्तान, कतर, यूएई और बहरीन जैसे इस्लामी बहुल देशों में भी देखा जा रहा है। गूगल ट्रेंड्स के आंकड़ों के मुताबिक, इन देशों में महाकुंभ से जुड़ी जानकारी की खोज में भारी वृद्धि हुई है, जो इस आयोजन के वैश्विक महत्व को दर्शाता है।

महाकुंभ 2025 का वैश्विक आकर्षण

महाकुंभ 2025 में अनुमानित 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, जो इस आयोजन को एक अभूतपूर्व भव्यता प्रदान करेगा। इस विशाल आयोजन के लिए सुरक्षा व्यवस्था को सात स्तरीय बनाया गया है, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, महाकुंभ 2025 की डिजिटल पहुंच और लाइव स्ट्रीमिंग ने इसे दुनियाभर के लोगों के लिए सुलभ बना दिया है। इस तरह, महाकुंभ अब एक स्थानीय धार्मिक आयोजन से बढ़कर एक वैश्विक आध्यात्मिक मंच बन चुका है।

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इस्लामिक देशों में महाकुंभ का बढ़ता आकर्षण

महाकुंभ की परंपराओं और धार्मिक महत्व को लेकर इस्लामिक देशों में भी बढ़ी हुई रुचि देखी जा रही है। गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, पाकिस्तान, यूएई, कतर और बहरीन जैसे देशों में महाकुंभ के बारे में ऑनलाइन खोजों में तेजी आई है। पाकिस्तान में महाकुंभ की परंपराओं और आध्यात्मिक महत्व के बारे में उत्सुकता देखी जा रही है, खासकर वहां के हिंदू समुदाय में। पाकिस्तान में लगभग 38 लाख हिंदू हैं, जिनमें से अधिकांश सिंध प्रांत के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं।

महाकुंभ और हज यात्रा की समानता

जिस महाकुंभ में नहाने से मिट जाते है सभी पाप, उस ही कुंभ में स्नान करना कब बन सकता है जानलेवा?

महाकुंभ का पवित्र डुबकी लगाने का विचार, तीर्थयात्रा और आत्मा की शुद्धि जैसी परंपराएं मक्का की हज यात्रा से काफी मेल खाती हैं। इन समानताओं के कारण इस्लामिक देशों के लोग भी महाकुंभ के बारे में जानने और समझने में रुचि रखते हैं। हज यात्रा के समान, महाकुंभ का उद्देश्य आत्मिक शुद्धि और जीवन के सर्वोत्तम मार्ग की तलाश करना है, जो हर धर्म और संस्कृति के लोगों को जोड़ता है।

महाकुंभ की डिजिटल पहुंच और वैश्विक दर्शक

महाकुंभ 2025 की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया पर लाइव स्ट्रीमिंग ने इस आयोजन को दुनियाभर के दर्शकों तक पहुंचाया है। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक महाकुंभ से जुड़ी जानकारी को 183 देशों और 6,206 शहरों से 3.3 मिलियन से अधिक विज़िटर्स ने देखा है। यह आंकड़ा महाकुंभ की वैश्विक अपील और इसके महत्व को और स्पष्ट करता है। अब महाकुंभ केवल एक हिंदू धार्मिक आयोजन नहीं रह गया है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक बन चुका है।

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महाकुंभ 2025 ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि यह सिर्फ हिंदू धर्म का आयोजन नहीं, बल्कि एक वैश्विक आध्यात्मिक मंच बन चुका है, जो हर धर्म और संस्कृति के लोगों को जोड़ता है। इस आयोजन का संदेश मानवता, एकता और शांति को बढ़ावा देना है, और यही वजह है कि यह पूरी दुनिया में श्रद्धालुओं और दर्शकों को आकर्षित कर रहा है। महाकुंभ की इस डिजिटल और वैश्विक पहुंच ने इसे सभी के लिए सुलभ बना दिया है, और यह भविष्य में और भी बड़े पैमाने पर एक आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक बन सकता है।

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IslaamMaha kumbh 2025

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