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Sawan 2023: इस दिन से शुरु हो रहा है सावन का महीना, जानें इस माह सोमवार के दिन व्रत रखने का महत्व

India News (इंडिया न्यूज़) दिल्ली, Sawan 2023:  हिंदू धर्म में सावन (Sawan) के महीने का एक खास महत्व होता है। मान्यता है कि इस सावन में भगवान शिव कि आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। कहा जाता है कि देवों के देव महादेव शिव सभी देवों में सबसे भोले है, जो अपने सच्चे […]

BY: Mudit Goswami • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज़) दिल्ली, Sawan 2023:  हिंदू धर्म में सावन (Sawan) के महीने का एक खास महत्व होता है। मान्यता है कि इस सावन में भगवान शिव कि आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। कहा जाता है कि देवों के देव महादेव शिव सभी देवों में सबसे भोले है, जो अपने सच्चे भक्त की पुकार हमेशा सुनते है और कितनी भी विकट परिस्थिति क्यों ना हो, वो हमेशा अपने भक्त को वहां से निकाल लेते है।

  • जानें कब शुरु है सावन का पहला सोमवार
  • शिव को प्रशन्न करने के लिए सावन में करें पूजा

वैसे शिव की भक्ति और आरधना करने का कोई विशेष वक्त नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि भगवान को सावन का महीना सबसे अधिक प्रिय होता है। सावन में अगर शिव को जल, दुध और दही का अभिषेक किए जाए तो महादेव प्रशन्न होकर सभी समस्याओं को समाप्त कर देंगे।

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Sawan 2023

कब से शुरु हो रहा है सावन?

हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 4 जुलाई से सावन के महीने की शुरूआत होने वाली है। इसके अलावा सावन महीने का समापन 31 अगस्त को होगा। वहीं, इस वर्ष मलमास भी पड़ने वाला है, इसके चलते सावन का महीना कुल 59 दिनों का ही होगा। बता दे कि इस बार सावन महीने में कुल 8 सोमवार होंगे। सवान का पहला सोमवार 10 जुलाई को है और अंतिम सोमवार 28 अगस्त को होगा।

 सावन में सोमवार व्रत का महत्व

पुराणों में लिखा है कि जगत जननी माता पार्वती ने देवों के देव महादेव को प्राप्त करने के लिए सावन के इस विशेष महीने में उनकी की पूजा की थी। इसके अलावा उन्होंने सावन के महीने में शिव की तपस्या के साथ हर सोमवार को पूरे विधि विधान से उनके लिए व्रत रखा। उनकी इस तपस्या से प्रशन्न होकर शिव ने उन्हें वरदान दिया। माना जाता है कि इसी के पुण्य- प्रताप से माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ।

कैसे करें शिव की पुजा?

वैसे तो देवों के देव महादेव की पूजा का कोई विशेष विधि नहीं है। आपने भक्तों को द्वारा शिव जल और बेल पत्तों के समर्पित करने पर भी प्रशन्न हो जाते है। लेकिन भगवान शिव की पूजा में भांग, धतूरा, बेलपत्र, गन्ने का रस, पान पत्ता, लौंग, इलायची, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर आदि चीजों से  कि जाती है। वहीं भगवान शिव को अति प्रिय आक, धतूरा, हरसिंगार के फूल है। शिव को प्रशन्न करने के लिए धतूरा और हरसिंगार के फूल जरुर अर्पित करें।

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