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India News (इंडिया न्यूज), Shani Basati: शनि देव के गोचर और साढ़े साती का प्रभाव ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में कई बदलाव लाता है। शनि की साढ़े साती का समय प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है, जो उनकी राशि और शनि की स्थिति पर निर्भर करता है।
शनि की साढ़े साती तब शुरू होती है जब शनि ग्रह चंद्रमा से 12वें, 1वें और 2वें भाव में गोचर करता है। यह अवधि लगभग 7.5 वर्षों तक चलती है और इसे तीन चरणों में बांटा जाता है:
चढ़ती हुई साढ़े साती (पहला चरण)
मध्य साढ़े साती (दूसरा चरण)
उतरती हुई साढ़े साती (तीसरा चरण)
यह समय चुनौतियों, संघर्ष और अवसरों का मिश्रण हो सकता है।
2024-2025 में शनि गोचर और साढ़े साती का प्रभाव
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शनि कुंभ राशि में है, जिससे इन राशियों पर प्रभाव हो रहा है:
मकर: उतरती हुई साढ़े साती।
कुंभ: मध्य साढ़े साती।
मीन: चढ़ती हुई साढ़े साती।
शनि मीन राशि में प्रवेश करेगा।
मकर राशि वालों की साढ़े साती समाप्त हो जाएगी।
मीन राशि वालों के लिए मध्य साढ़े साती शुरू होगी।
मेष राशि वालों के लिए चढ़ती हुई साढ़े साती शुरू होगी।
कुंभ राशि वालों के लिए उतरती हुई साढ़े साती शुरू होगी।
शनि के गोचर के दीर्घकालिक प्रभाव (2025-2036)
शनि मेष राशि में जाएगा।
मीन, मेष, और वृषभ पर साढ़े साती का प्रभाव।
शनि वापस मीन राशि में आएगा।
कुंभ, मीन, और मेष पर प्रभाव।
फिर से मेष राशि में प्रवेश।
मीन, मेष, और वृषभ पर साढ़े साती।
मेष, वृषभ, और मिथुन पर साढ़े साती का प्रभाव।
वापस मीन, मेष, और वृषभ पर प्रभाव।
मेष, वृषभ, और मिथुन पर प्रभाव।
वृषभ, मिथुन, और कर्क पर प्रभाव।
मिथुन, कर्क, और सिंह पर प्रभाव।
कर्क, सिंह, और कन्या पर प्रभाव।
साढ़े साती के प्रभाव को कैसे कम करें?
साढ़े साती के दौरान जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उचित उपाय करने से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है:
शनिदेव की पूजा करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
काले तिल, काली उड़द और लोहे का दान करें।
गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें।
हनुमान चालीसा का पाठ करें।
बजरंग बली का ध्यान करें और राम-नाम का जाप करें।
“ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें।
ज्योतिषी से सलाह लेकर नीलम धारण करें।
ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से काम करें।
अहंकार, आलस्य, और अन्याय से बचें।
शनि की साढ़े साती हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग प्रभाव डालती है। यह समय व्यक्तिगत विकास, अनुशासन, और धैर्य सीखने का अवसर भी प्रदान करता है। उचित ज्योतिषीय सलाह और शनि के उपाय करने से इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
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