India News (इंडिया न्यूज),Shani Gochar 2025: ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफलदाता कहा जाता है। शनिदेव अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल देते हैं। उन्हें धनवान बनाते हैं। करियर और व्यापार में मनचाही सफलता दिलाते हैं। वहीं बुरे कर्म करने वालों के लिए खुशखबरी लेकर आते हैं। उनके जीवन में तरह-तरह की परेशानियां खड़ी करते हैं। लाख कोशिश करने के बाद भी व्यक्ति शनिदेव के चक्रव्यूह से बाहर नहीं निकल पाता है।
ज्योतिषशास्त्री भी शनिदेव की बुरी नजर से बचने की सलाह देते हैं। एक बार शनिदेव की बुरी नजर व्यक्ति के जीवन पर पड़ जाए तो उसके जीवन में अंधकार छाने लगता है। व्यक्ति गलत फैसले लेकर अपना जीवन बर्बाद करने लगता है। इसके लिए हमेशा सत्य के मार्ग पर चलें और कर्म के मार्ग पर आगे बढ़ते रहें। शनिदेव के राशि परिवर्तन से दो राशियों के लोगों को लाभ मिल सकता है।
Shani Gochar 2025: शनि गोचर का महासंयोग!
धनु राशि वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। इस दौरान धनु राशि वालों को उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ सकता है। हालांकि शनिदेव की कृपा आप पर बरसेगी। उनके आशीर्वाद से आध्यात्म में आपकी रुचि बढ़ेगी। आप शांति की तलाश में रहेंगे। सरल शब्दों में कहें तो आप हर समय शांत रहने की कोशिश करेंगे। आप काम, क्रोध और लोभ से दूर रहेंगे। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। धन-संपत्ति में वृद्धि होगी। वाहन सुख मिलेगा। यह भी संभव है कि आप कोई कार खरीद लें। आप अपने घर पर रहकर खूब धन कमाएंगे। यह साल धनु राशि वालों के लिए भाग्य से भरा रहने वाला है। आपको सभी तरह के शुभ कार्यों में सफलता मिल सकती है। शत्रु आपसे डरेंगे। हालांकि मानसिक कष्ट हो सकता है।
शनिदेव के राशि परिवर्तन से मीन राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा। मीन राशि के जातक धार्मिक स्वभाव के होते हैं। गुरु की कृपा से मीन राशि के जातकों में सात्विक गुण अधिक पाए जाते हैं। लग्न में शनिदेव का गोचर मिश्रित परिणाम देगा। आप एकाकी रह सकते हैं। वाद-विवाद से दूर रहने की सलाह दी जाती है। कई मौकों पर आप चिंतित हो सकते हैं। सरकारी सुविधाओं से लाभ मिलेगा। मेहनत करने से न डरें। खूब मेहनत करें।
शनिदेव कर्मफल दाता हैं। वे कर्म करने वाले पर अपनी कृपा बरसाते हैं। उनकी कृपा से आपको धन की प्राप्ति होगी। शत्रुओं में भय रहेगा। शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में आप सफल होंगे। शनिदेव की कृपा पाने के लिए प्रत्येक सोमवार और शनिवार को स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करें।