इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
shanichari amavasya 2022 upay shani dosh remedies in Hindi: कल शुक्रवार 29 अप्रैल 2022 को शनिदेव अपनी राशि कुंभ में पूरे 30 साल बाद प्रवेश करने जा रहे हैं। (Shani Dev Will Enter Aquarius Tomorrow) वहीं शनिवार 30 अप्रैल 2022 को ही साल की पहली शनिचरी अमावस्या है, और उसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लग रहा है।
वैशाख माह में शनिवार को अमावस्या का पड़ना शुभ होता है। ग्रंथों में इस शुभ संयोग को स्नान-दान का महा पर्व बोला गया है। स्कंद, पद्म और विष्णुधर्मोत्तर पुराण के मुताबिक वैशाख में आने वाली शनिचरी अमावस्या पर तीर्थ स्नान या किए गए दान से कई यज्ञ करने जितना पुण्य प्राप्त होता है। तो आइए जानते हैं क्या है शनिचरी अमावस्या का महत्व।
shanichari amavasya 2022 upay shani dosh remedies in Hindi: जब कोई अमावस्या शनिवार को पड़ती है तो उसे शनिचरी अमावस्या कहा जाता है। इस बार 30 अप्रैल शनिवार को वैशाख माह की पहली शनिचरी अमावस्या है। कहते हैं कि अब से तीन साल पहले ऐसा संयोग 4 मई 2019 को बना था। जब वैशाख माह को शनिचरी अमावस्या पड़ी थी। अब 14 साल बाद 26 अप्रैल 2036 को वैशाख में शनिचरी अमावस्या का संयोग बनेगा।
29 अप्रैल की रात 12 बजे के बाद से यानी 30 तारीख शुरू होने के बाद रात करीब एक बजे से वैशाख की शनिचरी अमावस्या शुरू हो जाएगी। जो शनिवार को पूरे दिन रहेगी और रात में करीब 2 बजे (यानी रविवार रात ) खत्म होगी। वैशाख में अमावस्या तिथि पर स्नान का महत्व ग्रंथों में बताया गया है।
ग्रंथों में बताया गया है कि शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या शुभ फल देती है। इस तिथि पर तीर्थ स्नान और दान का कई गुना पुण्य फल मिलता है। अमावस्या शनि देव की जन्म तिथि भी है। इसलिए इस दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनि दोष खत्म होते हैं। इस दिन जरूरतमंद लोगों को भोजन करवाना चाहिए। ये शनिश्चर अमावस्या खास इसलिए है क्योंकि शनि अपनी ही राशि यानी कुंभ में है।
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