Shanishchari Amavasya & Surya Grahan 2022
इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली। अप्रैल महीना खत्म होने में कुछ ही दिन बाकी हैं और इस महीने का आखिरी दिन कई मायनों में बेहद खास है। महीने के आखिरी दिन 30 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है। इस दिन शनिवार है और अमावस्या भी है। साथ ही इससे एक दिन पहले 29 अप्रैल को शनि राशि बदलकर कुंभ में प्रवेश कर रहे हैं। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब शनिवार या शनि देव को लेकर ऐसा खास संयोग बन रहा है। इससे पहले हिंदू नववर्ष विक्रम संवत की शुरुआत भी शनिवार से ही हुई थी।
नववर्ष के राजा हैं शनि
हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2079 के राजा ग्रह शनि हैं। शनि, सूर्य के पुत्र हैं। सूर्य पर ग्रहण के दिन शनि देव को समर्पित किया गया दिन शनिवार है। इसके अलावा इस दिन अमावस्या भी है। इतना ही नहीं 30 साल बाद शनि अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश भी कर रहे हैं। ज्योतिष के मुताबिक ऐसा अनूठा संयोग करीब 100 साल के बाद बन रहा है।
जरूर कर लें ये उपाय
शनि और सूर्य को लेकर बन रहे इस दुर्लभ संयोग के मौके पर कुछ उपाय करना बहुत प्रभावी साबित हो सकता है, जो लोग शनि की साढ़े साती और शनि की ढैय्या से परेशान चल रहे हैं, उन्हें अमावस्या पर विशेष उपाय करने से राहत मिल सकती है। इसके अलावा जिन राशि वालों पर साढ़े साती और ढैय्या शुरू हो रही है, उन्हें इस दिन ये उपाय जरूर कर लेने चाहिए। शनि के कुंभ में प्रवेश करते ही कर्क और वृश्चिक राशि पर ढैय्या शुरू हो जाएगी। वहीं मकर, कुंभ और मीन राशि पर साढ़े साती रहेगी।
- सूर्य ग्रहण-शनि अमावस्या के दिन शनि देव को तेल चढ़ाएं।
- काले कपड़े में उड़द की दाल और काले तिल बांधकर शनि मंदिर में दान करें।
- शनि देव के साथ-साथ भगवान शिव और संकटमोचक हनुमान की पूजा करें। इससे शनि दोषों से राहत मिलेगी.
- पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।
- ग्रहण के बाद स्नान-दान अवश्य करें।
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