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India News (इंडिया न्यूज़), Shav Yatra: आप लोगो में से लगभग सभी लोग घर से रोज़ किसी न किसी काम के लिए एक बार तो बाहर निकलते ही होंगे। अक्सर हम जब भी किसी जरुरी काम या अपने दफ्तर, स्कूल, कॉलेज किसी भी कार्य के लिए निकलते हैं तो हमें कई बार प्रकृति हमें कुछ चीजों के जरिये शुभ या अशुभ संकेत देने की कोशिश करती है बस जरुरी होता हैं तो उन्हें पहचान पाना। जैसे अक्सर यात्रा पर जाते समय या फिर घर से बाहर निकलते वक्त अगर आपकी आंख फड़कने लग जाये तो ये आपके लिए कुछ अशुभ संकेत देने वाली सिचुएशन बताई जाती हैं। ऐसे ही कई बार बाहर निकलते समय बिल्ली आपका रास्ता काट जाए तब भी कहा जाता हैं कि ये संकेत आपके आने वाले कार्य में विघ्न का संकेत दे रहा हैं। ऐसे ही अगर रस्ते में किसी के शव यात्रा निकलती हुई दिख जाये तो इसे केसा संकेत माना जाता हैं शुभ या फिर अशुभ?
शव यात्रा को देखना एक ऐसा विषय है जिस पर विभिन्न संस्कृतियों और धार्मिक मान्यताओं के आधार पर अलग-अलग धारणाएँ हैं। भारतीय संस्कृति में, शव यात्रा को लेकर कई विचार प्रचलित हैं। यहाँ इस विषय की पूरी सच्चाई जानने का प्रयास किया गया है।
भगवत गीता के शिक्षाओं में जन्म और मृत्यु को एक-दूसरे पर पूरी तरह से आश्रित माना गया है। ये दोनों अवस्थाएँ ऐसी हैं जिन्हें टाला नहीं जा सकता; ये जीवन की अटल सच्चाइयाँ हैं। भगवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने मृत्यु के बारे में स्पष्ट रूप से कहा है कि यह एक ऐसा सत्य है जिसे बदलना या टालना असंभव है। भगवत गीता के अनुसार, आत्मा न तो पैदा होती है और न ही मरती है। आत्मा केवल शरीर बदलती है और जीवन के विभिन्न चरणों में यात्रा करती है। इस दृष्टिकोण से, मृत्यु को एक अंत के बजाय परिवर्तन के रूप में देखा जाता है।
जब भी हम बाहर जाते हैं और शव यात्रा को देखते हैं, तो अक्सर मन में एक सवाल उठता है: “आज का दिन शुभ रहेगा या नहीं?” भारतीय संस्कृति और ज्योतिष में शव यात्रा को लेकर विभिन्न मान्यताएँ हैं। कुछ मान्यताएँ इसे शुभ मानती हैं, जबकि कुछ इसे अशुभ मानती हैं। यहाँ शव यात्रा को लेकर ज्योतिष और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से स्पष्टता दी गई है:
शव यात्रा को देखना आमतौर पर अशुभ माना जाता है, विशेषकर हिंदू धर्म में और अन्य कई सांस्कृतिक संदर्भों में। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि इस विषय को समझते समय व्यक्तिगत मान्यताओं, सांस्कृतिक संदर्भ और धार्मिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखा जाए। यदि आप इस विषय पर और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो अपने धर्मगुरु या किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना सही रहेगा।
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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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