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India News (इंडिया न्यूज़), Adiyogi Facts, दिल्ली: क्या आपको पता है ? हिन्दू देवता को दर्शाने वाली दुनिया भर में सबसे बड़ी मूर्ति आदियोगी है ? चलिए इस लेख में आपको इस अद्भुत मूर्ति की विशेषताओं के बारे में बताते हैं। आदियोगी नाम की भगवान शिव की ये मूर्ति 112 फ़ीट ऊँची है और इसका वजन तकरीबन 500 टन है। इस अद्भुत प्रतिमा को डिज़ाइन करने में करीब करीब ढाई साल लगे हैं और धातु के छोटे छोटे टुकड़ों को मिलकर शिव जी के चेहरे की प्रतिमा को बनाया गया है। कोयम्बटूर में मौजूद आदियोगी प्रतिमा को गुइनेस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड मान्यता भी मिल चुकी है। क्या आपको पता है ? हिन्दू देवता को चित्रित करने वाली दुनिया भर में सबसे बड़ी मूर्ति आदियोगी है? चलिए इस लेख में आपको इस अद्भुत मूर्ति की विशेषताओं के बारे में बताते हैं।
आदियोगी नाम की भगवान शिव की ये मूर्ति 112 फ़ीट ऊँची है और इसका वजन तकरीबन 500 टन है। इस अद्भुत प्रतिमा को डिज़ाइन करने में करीब करीब ढाई साल लगे हैं और धातु के छोटे छोटे टुकड़ों को मिलकर शिव जी के चेहरे की प्रतिमा को बनाया गया है। कोयम्बटूर में मौजूद आदियोगी प्रतिमा को गुइनेस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड मान्यता भी मिल चुकी है।
ईशा फाउंडेशन के अनुसार ये 112 फ़ीट ऊँचा भगवान शिव का ये चेहरा मुक्ति का प्रतीक है और ये 112 मार्गों को दर्शाता है ,जिनके मदद से इंसान योग विज्ञानं प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा ये भी मन जाता है की इसकी ऊंचाई 112 चक्रों को दर्शाती है , जो की हमारे शरीर के केंद्र बिंदु माने जाते हैं। इनका उपयोग ध्यान लगाने में किया जाता है।
ये सूंदर और भव्य शिव प्रतिमा योग को बढ़ावा देने के विचार से बनाई गयी थी। इस स्टेचू का नाम आदियोगी है , जिसका अर्थ होता है पहला योगी। शायद आपको ये बात न पता हो , भगवान शिव ने ही सबसे पहले योग की shuruaatकी थी। इसके अलावा दिलचस्प बात तो ये है की किसी भी ठेकेदार को इसके निर्माणकार्यो में नहीं लगाया गया है। इसे पूरी तरह से ईशा फाउंडेशन की देख रेख में बनाया गया है।
यहां अक्सर सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्पोर्ट एक्टिविटी, डिनर, प्रवचन और अन्य दिलचस्प कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं। अंदर एक पूजा स्थल देखा जा सकता है, जहां ध्यान और जप करने का विकल्प है। इस प्रतिमा से जुड़ी एक और दिलचस्प बात ये है कि, इसके हॉल को बिना सीमेंट या कंक्रीट का उपयोग किए बनाया गया है।
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