India News(इंडिया न्यूज), Sun Transit in Revati Nakshatra: सोमवार, 31 मार्च, 2025 को सूर्य उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र से निकलकर रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। रेवती नक्षत्र नक्षत्र मंडल का अंतिम नक्षत्र है और मीन राशि में स्थित होता है। रेवती नक्षत्र का स्वामी बुध है, जो बुध ग्रह के प्रभाव को लेकर विशेष महत्व रखता है। इसे पंचक नक्षत्रों में पांचवां नक्षत्र माना जाता है, और पंचक नक्षत्रों का भारतीय ज्योतिष में विशेष स्थान है। ये नक्षत्र धनिष्ठा से लेकर रेवती तक फैले हुए हैं और इन नक्षत्रों के दौरान किए गए कार्यों का परिणाम खास रूप से शुभ या अशुभ हो सकता है।
पंचक नक्षत्रों के दौरान ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, जैसे यात्रा, विवाह, निर्माण आदि, क्योंकि इस समय को शुभ नहीं माना जाता। रेवती नक्षत्र, पंचक का अंतिम नक्षत्र होने के कारण विशेष ध्यान आकर्षित करता है। सूर्य के रेवती नक्षत्र में गोचर के दौरान कुछ राशियों पर प्रभाव विशेष रूप से दिखाई देगा। आइए जानते हैं, वे कौन-सी तीन राशियां हैं जिनपर इस गोचर का सबसे अधिक असर होगा।
Sun Transit in Revati Nakshatra: रेवती नक्षत्र में सूर्य गोचर होते ही इन 3 राशियों की मुश्किलों को दोगुना कर देगा इसका प्रभाव
मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य का रेवती नक्षत्र में गोचर कुछ खास चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस समय आर्थिक दृष्टि से नुकसान होने की संभावना बन सकती है। निवेश, व्यापारिक निर्णय या पैसों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। पुराने कर्ज का दबाव बढ़ सकता है या अप्रत्याशित खर्चों का सामना करना पड़ सकता है।
सूर्य के गोचर के कारण आपकी सेहत भी प्रभावित हो सकती है। पेट संबंधित समस्याएं, सिरदर्द या थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस दौरान आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा, रिश्तों में तनाव और पारिवारिक जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। प्रेम संबंधों में भी गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं। इस समय नया काम शुरू करने से बचना चाहिए और पुराने मामलों को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए।
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कन्या राशि के जातकों के लिए भी सूर्य का गोचर किसी खास समय के रूप में सामने आ सकता है। इस समय आर्थिक नुकसान होने की संभावना हो सकती है। नौकरी या व्यापार में संतुष्टि की कमी हो सकती है और कागजी काम में गड़बड़ी के कारण वित्तीय नुकसान हो सकता है।
इसके अलावा, इस गोचर के प्रभाव से मानसिक तनाव और चिंता की समस्याएं बढ़ सकती हैं। काम के दबाव से शारीरिक और मानसिक थकावट हो सकती है, जिससे आत्म-संयम की कमी हो सकती है। रिश्तों में सामंजस्य की कमी हो सकती है, और परिवार के किसी सदस्य के साथ अनबन हो सकती है। प्रियजनों के साथ भी गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं। इस समय में आपको सावधान रहना होगा और हर कार्य में संतुलन बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।
मकर राशि के जातकों के लिए सूर्य का गोचर आर्थिक संकट ला सकता है। किसी बड़े वित्तीय फैसले के कारण नुकसान हो सकता है, और इस समय आपको अपने बजट पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
स्वास्थ्य के मामले में भी इस समय गिरावट हो सकती है, खासकर रक्तचाप, हृदय से जुड़ी समस्याएं, या शरीर में आलस्य महसूस हो सकता है। इस समय आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। व्यक्तिगत रिश्तों में भी कड़वाहट आ सकती है। गलत शब्द या भावनाएं रिश्तों में दरार डाल सकती हैं, इसलिए आपको अपनी भावनाओं और शब्दों पर नियंत्रण रखना चाहिए।
इस दौरान बड़े कारोबारी निर्णय से बचना चाहिए और किसी भी फैसले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अपनी वित्तीय स्थिति का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना जरूरी है ताकि आने वाली समस्याओं से बचा जा सके।
सूर्य का रेवती नक्षत्र में गोचर विशेष रूप से उन राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, जिनका प्रभाव आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य, और रिश्तों पर पड़ सकता है। मिथुन, कन्या और मकर राशियों के जातकों को इस दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता है। इन राशियों को अपने वित्तीय निर्णयों, सेहत और पारिवारिक जीवन में अधिक ध्यान देना चाहिए।
सूर्य का यह गोचर आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर असर डाल सकता है, लेकिन सही दिशा में निर्णय लेने और सतर्क रहने से इन प्रभावों को कम किया जा सकता है। इस समय को ध्यान से गुजारना और संयम बनाए रखना आवश्यक होगा, ताकि भविष्य में शुभ परिणाम मिल सकें।