India News (इंडिया न्यूज़), Varanasi Kashi: शादी एक ऐसा बंधन है जिसे सात जन्मों का माना जाता है बंधन तो यूँ तो लाखो बंढते हैं लेकिन एक साथी का बंधन ऐसा हैं जो दिलो को दिलो से जोड़ता हैं जिसमे कोई खून का नहीं बल्कि दिलो का रिश्ता होता हैं। इस संबंध में कई नए रिश्ते बनते हैं कई लोग जुड़ते हैं, जिनका निर्वहन दोनों पक्षों को करना होता है और साथी भी। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण रिश्ता होता हैं सास और बहू का। जी हाँ…! इस रिश्ते पर यूँ तो कई किस्से, कहानियां और सीरियल बनाए जा चुके हैं। साथ ही हर एक बहू अपने इस अनमोल रिश्ते को संभालकर रखना चाहती है, लेकिन कई बार कुछ गलतियों के कारण उनके चलते इसमें अनबन पैदा हो भी हो सकती है।
लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि इसके लिए आषाढ़ का महीना भी एक वजह हो सकता है. ज्योतिषशास्त्र से जुड़े मुहूर्त मार्तण्ड के विवाह प्रकरण में इस बात का उल्लेख है कि नवविवाहिता को शादी के बाद पड़ने वाले पहले आषाढ़ मास में अपने ससुराल से दूर होना चाहिए. यानी नवविवाहिता को इस महीने अपने मायके में ही रखना चाहिए।
फल-फूल नहीं बल्कि एक चमत्कारी मोती देता है यह पौधा, भगवान श्री कृष्णा को भी हैं अति प्रिय-IndiaNews
कम ही लोग जानते हैं कि नवविवाहिताओं के लिए आषाढ़ का महीना भी एक वजह हो सकता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, मुहूर्त मार्तण्ड के विवाह प्रकरण में इस बात का उल्लेख है कि नवविवाहिता को शादी के बाद पहले आषाढ़ मास में अपने ससुराल से दूर रहना चाहिए। इस महीने में बहू को मायके में ही रहना चाहिए। काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि मुहूर्त मार्तंड और मुहूर्त चिंतामणि दोनों में इस बात का उल्लेख है कि आषाढ़ का महीना सास-बहू के रिश्ते में दरार ला सकता है।
विचारधारा का मेल न होना: शादी के बाद पहले आषाढ़ महीने में सास और बहू के बीच विचारधारा का मेल न बन पाने के कारण भी खटास उत्पन्न हो सकती है।
ईर्ष्या की भावना: इस महीने में दोनों के बीच ईर्ष्या की भावना बढ़ सकती है, जो ग्रहों की चाल के ऊपर निर्भर होती है।
शारीरिक और मानसिक टकराव: सास और बहू के बीच शारीरिक और मानसिक टकराव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
आषाढ़ के महीने में नवविवाहिता को ससुराल से तौबा कर मायके में रहना चाहिए। इससे सास-बहू के बीच अनबन की संभावना कम हो जाती है और रिश्ता मजबूत बना रहता है। इस परंपरा का पालन करने से सास-बहू के बीच समझ बढ़ती है और उनका रिश्ता भी मधुर बना रहता है।
इस प्रकार, आषाढ़ के महीने में सास-बहू के रिश्ते को संभालने के लिए इस ज्योतिषीय उपाय को अपनाना एक पुरानी परंपरा है, जो रिश्तों को बेहतर बनाने में सहायक हो सकती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.