होम / इस मुस्लिम देश में स्थित हैं भगवान विष्णु का 132 साल पुराना मंदिर…लेकिन इसका इतिहास है उससे भी कई ज्यादा चौका देने वाला?

इस मुस्लिम देश में स्थित हैं भगवान विष्णु का 132 साल पुराना मंदिर…लेकिन इसका इतिहास है उससे भी कई ज्यादा चौका देने वाला?

Prachi Jain • LAST UPDATED : October 6, 2024, 12:37 pm IST
ADVERTISEMENT
इस मुस्लिम देश में स्थित हैं भगवान विष्णु का 132 साल पुराना मंदिर…लेकिन इसका इतिहास है उससे भी कई ज्यादा चौका देने वाला?

Lord Vishnu Temple In Iran: यह मंदिर ईरान के शासक मोहम्मद हसन खान साद ओल मालेक के शासनकाल में बना था। मंदिर की स्थापत्य कला पूरी तरह से भारतीय शैली से प्रेरित है, जो इसकी विशिष्टता और सौंदर्य को और बढ़ाती है।

India News (इंडिया न्यूज), Lord Vishnu Temple In Iran: ईरान, जिसे एक मुस्लिम बहुल देश के रूप में जाना जाता है, खासकर शिया मुसलमानों की बड़ी संख्या के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन यहां एक अनूठी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर भी मौजूद है—132 साल पुराना भगवान विष्णु का मंदिर। यह मंदिर हिंदू समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, जिसे ईरान के बंदर अब्बास शहर में स्थापित किया गया था। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1892 में भारतीय समुदाय, विशेष रूप से आर्य समाज के लोगों द्वारा किया गया था, जो उस समय वहां बसे हुए थे।

शासक मोहम्मद हसन खान साद ओल मालेक

यह मंदिर ईरान के शासक मोहम्मद हसन खान साद ओल मालेक के शासनकाल में बना था। मंदिर की स्थापत्य कला पूरी तरह से भारतीय शैली से प्रेरित है, जो इसकी विशिष्टता और सौंदर्य को और बढ़ाती है। मंदिर का गुंबद विशेष रूप से आकर्षक है, जिसमें 72 बुर्ज हैं, जो एक महत्वपूर्ण वास्तुशिल्प विशेषता है और भारतीय मंदिरों की स्थापत्य शैली को दर्शाता है।

ऐसी क्या खासियत थी द्रौपदी में जो उसके शरीर से निकलती थी मादक सुगंध…और रानियों को क्यों नहीं मिला था ये वरदान?

ईरान में हिंदू आबादी

हालांकि ईरान में हिंदू आबादी सीमित है, लेकिन साल 2015 की जनगणना के अनुसार, यहां करीब 39 हजार हिंदू रहते हैं। यह संख्या भले ही छोटी हो, लेकिन उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को बनाए रखने में यह मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। बंदर अब्बास का यह मंदिर हिंदू और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के इतिहास का प्रतीक है और यह दर्शाता है कि हिंदू धर्म की जड़ें विश्वभर में कितनी गहरी और विस्तृत हैं।

यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह उस समय की ऐतिहासिक धरोहर और ईरान में हिंदू समुदाय के योगदान की कहानी भी कहता है।

शिव का विरह और माता सती के ये अंग बन गए शक्तिपीठ…कहां-कहां गिरा था देवी का अंग और बन गया धाम?

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT