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ये है वेद के ऐसे 5 शक्तिशाली मंत्र जिनका उच्चारण जिसने भी किया उसने पाया अंतोल पैसा… बस आना चाहिए तो सही तरीका!

Prachi Jain • LAST UPDATED : October 2, 2024, 10:41 am IST
ये है वेद के ऐसे 5 शक्तिशाली मंत्र जिनका उच्चारण जिसने भी किया उसने पाया अंतोल पैसा… बस आना चाहिए तो सही तरीका!

5 Mantras From Veda: इन मंत्रों का जाप न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि इनका प्रभाव मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुधारने में सहायक होता है। इन मंत्रों का नियमित जप करने से व्यक्ति को जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि की अनुभूति होती है।

India News (इंडिया न्यूज), 5 Mantras From Veda: वेद और पुराणों में देवी-देवताओं को समर्पित कई मंत्रों का उल्लेख किया गया है। ये मंत्र न केवल उपासना का माध्यम हैं, बल्कि इन्हें जपने और सुनने से मानसिक शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यहां हम पांच ऐसे मंत्रों पर चर्चा करेंगे, जिन्हें वेद-शास्त्रों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है।

1. महामृत्युञ्जय मंत्र

महामृत्युञ्जय मंत्र भगवान शिव को समर्पित है। यह मंत्र जीवन में आने वाले संकटों, रोगों और मृत्यु के भय को दूर करने में सहायक होता है। इसके जाप से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक बल प्राप्त होता है।

मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

2. शांति मंत्र

यजुर्वेद में उपस्थित शांति मंत्र को अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। यह मंत्र मन, शरीर और आत्मा के लिए शांति और संतुलन प्रदान करता है। इसके पाठ से व्यक्तिगत और सामूहिक शांति की प्राप्ति होती है।

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मंत्र:

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

3. वक्रतुण्ड महाकाय मंत्र

प्रथम देवता भगवान गणेश को समर्पित वक्रतुण्ड महाकाय मंत्र विशेष रूप से समृद्धि और सफलता के लिए जाना जाता है। इस मंत्र का जाप सभी विघ्नों को दूर करता है और शुभता की प्राप्ति करता है।

मंत्र:

ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्वण कोटि समप्रभ।
निर्मलम् कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा॥

4. श्री सूक्त स्तोत्र

माता लक्ष्मी की उपासना के लिए समर्पित श्री सूक्त स्तोत्र का पाठ भी अत्यंत लाभकारी है। यह स्तोत्र धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

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अंश:

ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।

5. गायत्री मंत्र

गायत्री मंत्र को ब्रह्मा, विष्णु और शिव के साथ-साथ सभी देवी-देवताओं की उपासना का प्रतीक माना जाता है। यह मंत्र ध्यान और साधना के लिए सबसे प्राचीन और शक्तिशाली मंत्रों में से एक है।

मंत्र:

ॐ भूर् भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भरगो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

निष्कर्ष

इन मंत्रों का जाप न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि इनका प्रभाव मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुधारने में सहायक होता है। इन मंत्रों का नियमित जप करने से व्यक्ति को जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि की अनुभूति होती है। इसलिए, इन शक्तिशाली मंत्रों को अपने दैनिक जीवन में शामिल करना अत्यंत लाभकारी है।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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