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(इंडिया न्यूज़, This is how Lord Dhanvantari gave knowledge on lifestyle): इस साल दीवाली 24 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी। दीवाली रोशनी से भरा त्योहार है। धनतेरस का त्यौहार 22 अक्टूबर 2022 को यानी आज मनाया जा रहा है। धनतेरस के दिन धातु के बर्तन और रत्न आभूषण की खरीदारी करने के लिए बेहद शुभ है। धनतेरस के दिन देशभर में सोना और चाँदी की खरीदारी खूब होती है।
लेकिन इसके साथ ही भगवान धन्वंतरि ने निरोगी रहने के लिए व्यवस्थित जीवन शैली को उत्तम उपाय बताया। उन्होंने अपनी चारों भुजाओं में अलग-अलग वस्तुएं धारण करके संदेश दिया था। स्वस्थ रहने के लिए जीवनशैली सही रखें। एक हाथ में अमृत कलश है, जो संदेश देता है कि जल ही जीवन है, जल की महत्ता समझें और शरीर की आवश्यकता के अनुसार उसका सेवन करें। दूसरी भुजा में गिलोय औषधि है, जिससे संदेश मिलता है कि हर जड़ी-बूटी का अपना महत्व है, उनका सेवन करने के साथ सम्मान भी दें। तीसरी भुजा में शंख धारण किया हुआ है, जो हमें पवित्रता का संदेश देता है। जिस तरह पूजा घर में शंख का उपयोग होता है जिसकी ध्वनि मात्र से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।, शंख की तरह ही हमारा शरीर पवित्र होना चाहिए। चौथी भुजा में आयुर्वेद ग्रंथ के माध्यम से संदेश देते हैं कि हर बीमारी का इलाज आयुर्वेद में हैं।
जब देवता और राक्षसों ने जब समुद्र मंथन किया था, तब भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे। उनका अवतरण कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था, इसलिए धनतेरस पर उनकी पूजा की जाती है। भगवान धन्वंतरि चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र और अमृत योग में अमृत से भरा चन्द्र कलश लेकर प्रकट हुए थे। चन्द्र प्रधान नक्षत्र का संबंध चांदी से है, इसलिए धनतेरस पर चांदी की खरीदी की जाती है।आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की पूजा दीपावली से पहले घर घर की जाती है। लोग पूजा अर्चनाकर भगवान धन्वंतरि से अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं और घर में दीपक जलाते हैं। जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो.
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