संबंधित खबरें
महाकुंभ में किन्नर करते हैं ये काम…चलती हैं तलवारें, नागा साधुओं के सामने कैसे होती है 'पेशवाई'?
सोमवती अमावस्या के दिन भुलकर भी न करें ये काम, वरना मुड़कर भी नही देखेंगे पूर्वज आपका द्वार!
80 वर्षों तक नही होगी प्रेमानंद जी महाराज की मृत्यु, जानें किसने की थी भविष्यवाणी?
घर के मंदिर में रख दी जो ये 2 मूर्तियां, कभी धन की कमी छू भी नही पाएगी, झट से दूर हो जाएगी कंगाली!
इन 3 राशियों के पुरुष बनते हैं सबसे बुरे पति, नरक से बदतर बना देते हैं जीवन, छोड़ कर चली जाती है पत्नी!
अंतिम संस्कार के समय क्यों मारा जाता है सिर पर तीन बार डंडा? जानकर कांप जाएगी रूह
India News (इंडिया न्यूज), Last Day Of Pitru Paksh: पितृ पक्ष का अंतिम दिन जिसे “महालय अमावस्या” या “सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या” कहा जाता है, पितरों के तर्पण और श्रद्धा का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन किए गए उपाय और तर्पण से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और आगामी सात पीढ़ियों तक आपके कुल में किसी को भी पितृ दोष का सामना नहीं करना पड़ता। इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं, जो पितृ दोष को समाप्त करने के साथ-साथ समृद्धि और शांति प्रदान करते हैं। यहां एक विशेष उपाय बताया गया है:
तर्पण और पिंडदान: महालय अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करना सबसे महत्वपूर्ण है। इसे विधिवत ब्राह्मण से करवाएं या नदी/पवित्र जल में स्वयं तर्पण करें। इसमें तिल, जल, कुशा, और पवित्र मंत्रों का उच्चारण महत्वपूर्ण होता है। तर्पण के बाद पिंडदान जरूर करें।
गाय, कुत्ते, पक्षियों और ब्राह्मण को भोजन: पितृ पक्ष के अंतिम दिन, विशेष रूप से इस दिन, गाय, कुत्ते, पक्षियों और ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ माना जाता है। इससे पितरों की आत्मा को संतोष मिलता है और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
क्यों मुसलमानों में शवों को दफनाने और हिंदूओं में जलाने की है परंपरा? सच्चाई जानकर उड़ जाएंगे होश
किसी धार्मिक स्थान या मंदिर में दान: इस दिन दान का विशेष महत्व है। चावल, कपड़े, अनाज, तिल और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं दान करें। ये दान पितरों के आशीर्वाद के साथ-साथ आपके जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
आंवले के पेड़ का पूजन: अगर संभव हो तो आंवले के पेड़ की पूजा करें। आंवला पवित्र और शुभ फल माना जाता है, और इसे पितरों के आशीर्वाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। पेड़ के पास दीप जलाएं और तर्पण के बाद वहां जल अर्पित करें।
पितृ दोष निवारण मंत्र: इस दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए विशेष मंत्रों का जाप भी लाभकारी होता है। आप निम्न मंत्र का जाप कर सकते हैं:
ॐ पितृभ्यः स्वधायिभ्यः स्वधा नमः।
ॐ श्राध्दायै नमः।
ॐ कृतान्ताय नमः।
कैसे लगता है पितृ दोष? समय से पहले जान लें इससे मुक्ति के उपाय और लक्षण
सात पीढ़ियों की शांति के लिए आशीर्वाद: इस दिन किए गए तर्पण और उपायों से न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आपकी आने वाली सात पीढ़ियों को भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और उनके जीवन में शांति और समृद्धि बनी रहती है।
इस दिन का महत्व अत्यंत खास होता है, और पितृ पक्ष के आखिरी दिन का ये उपाय आपकी सात पीढ़ियों तक को पितृ दोष से बचाता है और पितरों की कृपा हमेशा आपके जीवन में बनी रहती है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.