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Vaishakh Amavasya 2024: अमावस्या को क्यों कहा जाता है पितरों का पर्व? कई दोषों से मिलती है मुक्ति-Indianews

India News (इंडिया न्यूज), Vaishakh Amavasya 2024: हिंदी कैलेंडर के अनुसार अमावस्या तिथि हर महीने आती है और वैशाख महीने में पड़ने वाली अमावस्या को वैशाख अमावस्या या पितरों का त्योहार कहा जाता है। इस वर्ष वैशाख अमावस्या 8 मई 2024 को है। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना जाता है और […]

BY: Himanshu Pandey • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Vaishakh Amavasya 2024: हिंदी कैलेंडर के अनुसार अमावस्या तिथि हर महीने आती है और वैशाख महीने में पड़ने वाली अमावस्या को वैशाख अमावस्या या पितरों का त्योहार कहा जाता है। इस वर्ष वैशाख अमावस्या 8 मई 2024 को है। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना जाता है और यह तिथि पितरों को समर्पित होती है। इस दिन पितरों को तर्पण दिया जाता है ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमावस्या को पितरों का त्योहार क्यों कहा जाता है और इस दिन पितरों को तर्पण क्यों दिया जाता है?

वैशाख अमावस्या का महत्व

बता दें कि, हर अमावस्या की तरह वैशाख अमावस्या का भी विशेष महत्व माना जाता है और इस दिन पितरों को तर्पण करने की परंपरा है। ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण देने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। यदि वैशाख अमावस्या की शाम को दीप दान किया जाए तो अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है। यदि अमावस्या के दिन पितरों को विधि-विधान से तर्पण दिया जाए तो व्यक्ति को कुंडली में मौजूद पितृ दोष से भी मुक्ति मिल जाती है।

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क्यों कहा जाता है अमावस्या को पितरों का त्योहार? 

अमावस्या तिथि को पितरों का त्योहार भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन पितर अमृत पीते हैं और पूरे महीने उनके आशीर्वाद से संतुष्ट रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या तिथि पर सूर्यास्त के बाद पूर्वज हवा के रूप में घर के दरवाजे पर आते हैं। ऐसे में उन्हें विधि-विधान से तर्पण करना चाहिए। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। विष्णु पुराण, मत्स्य पुराण और गरुड़ पुराण के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि से चतुर्दशी तिथि तक सभी देवता चंद्रमा से प्राप्त अमृत पीते हैं। इसके बाद चंद्रमा सौर मंडल में प्रवेश करता है और सूर्य की अमा किरण को अमावस्या कहा जाता है। इसलिए कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है।

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