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मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्
सर्द ऋतु में मौसम का मिजाज पहली दिसंबर से ही बदलना आरंभ हो गया है। वास्तु एवं आयुर्वेद के अनुसार इन दिनों क्या करें। आइए इस बारे जानकारी प्राप्त करें।
ठंड भरा सर्दियों का मौसम कई लोगों के लिए अवसादपूर्ण साबित होता है। कई ऐसे भी लोग हैं जिन्हें यह मौसम विशेष रूप से पसंद है लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस पूरे सीजन में डिप्रेशन का शिकार रहते हैं।
मनोविज्ञान भी इस बात को मानता है कि एक बड़ी संख्या में लोगों के लिए यह उदासी और मानसिक परेशानी का कारण बनता है। ठंड के मौसम में कोहरे के कारण धूप कम होती है, इस कारण जहां जोड़ों के रोग वाले लोगों को परेशानी होती है, वहीं उदासी भी बढ़ जाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार धूप की कमी आपके आसपास नेगेटिव एनर्जी को बढ़ावा देती है, इसलिए आपको ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर आप घर में कुछ वस्तुओं को रखने में सावधानी बरतें, तो इनसे बच सकते हैं।
खिड़कियों पर लगे भारी पर्दे गर्मियों में आपको धूप से जरूर बचाते हैं, लेकिन सर्दियों में यह आपके घर प्रकाश आने से रोकते हैं। इस प्रकार आपका घर नकारात्मक ऊर्जा का गढ़ बन जाता है, इसलिए ठंड शुरू होते ही इन्हें बदल डालें।
ठंड का मौसम अलसाया हुआ सा होता है, आप काम करने से बचना चाहते हैं या दिन जल्दी बीत जाने के कारण समय की कमी की मजबूरी बताते हैं। ऐसे में टूटी-फूटी चीजें आपके घर गंदगी बढ़ाएंगे और आप मानसिक अशांति का शिकार बनेंगे। इसलिए ठंड शुरू होने से पहले ही इन्हें हटा दें। इसके अलावा कुछ चीजों को घर में रखते हुए सावधानी बरतें जिसकी चर्चा हम आगे कर रहे हैं…
आईना एक ऐसी चीज है जो सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार की ऊर्जा को अवशोषित करता है, इसलिए सर्दियों में यह आपके लिए बीमारियों का घर बना सकता है। अगर आपके मुख्य द्वार पर या इसके सामने आईना हो, तो इसे तुरंत हटाएं। खासकर जब आपके घर के बच्चे लगातार बीमार होने लगें तो इसे अनदेखा न करें।
रोजाना खाने वाली दवाइयां हों तो यह आपके बेड के साइड टेबल पर भी रहने लगती हैं। हलांकि यह आदत हमेशा ही आपके लिए नुकसानदेह है लेकिन सर्दियों में विशेष कर इसे बदल दें।
दवाइयों को कभी भी इधर-उधर बिखरा हुआ ना रखें। खासकर बेड के साइड टेबल पर तो बिल्कुल भी नहीं। यह सबसे पहले वहां सोने वाले या अक्सर समय बिताने वाले को प्रभावित करेगा, उसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भी उसके नकारात्मक प्रभाव में आने लगते हैं। ऐसे घर में हमेशा कोई ना कोई बीमार ही रहता है।
बेड के नीचे शूज रखने की आदत होती है। इसके दो कारण होते हैं, एक तो आप आसानी से उन्हें निकाल पाते हैं, दूसरा आपको लगता है वे दिखाई नहीं देंगे। लेकिन आपकी यह आदत नींद ना आने की बीमारी पैदा कर सकती है। यह आपको मानसिक रूप से हमेशा अशांत करता है जो आखिरकार अवसाद का कारण बनता है।
ठंड बढ़ते ही सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारियों में बढ़ोतरी हो जाती है। चिकित्सकों का मानना है कि इस मौसम में ठंड से बचने के लिए हम गर्म कपड़े तो पहन लेते हैं, मगर ठंड के असर से बचने के लिए शरीर का बाहर के साथ-साथ अंदर से भी गरम रहना जरूरी है।
ठंड में लौंग, तुलसी, काली मिर्च और अदरक का सेवन करना चाहिए। आप इन्हें चाय में डालकर भी पी सकते हैं।
खांसी, सर्दी, जुकाम के लिए रामबाण का काम करती है। सर्दियों में शहद का सेवन करने से शरीर को कई तरह की रोगों से दूर रखा जा सकता है। आयुर्वेद में शहद को अमृत माना गया है। सर्दी, जुकाम होने पर रात को सोने से पहले एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से यह खत्म हो जाती है।
सर्दी के दिनों में बाजरे की रोटी खाने का बहुत फायदा मिलता है। यह शरीर को तो गर्म रखती ही है, साथ में बाजरे की रोटी में प्रोटीन, विटामिन बी, कैल्शियम, फाइबर और एंटी आक्सीडेंट शरीर के लिए अच्छे होते हैं। ठंड से बचने के लिए बच्चों को भी बाजरे की रोटी खिलानी चाहिए।
खाने में अदरक के प्रयोग से शरीर तो गर्म होता ही है, साथ में पाचन क्रिया भी अच्छी होती हैझ्र आवंला की तुलना अमृत से की गई है। आंवला में विटामिन सी, विटामिन एबी, पोटेशियम, कैलशियम, मैग्नीशियम, आयरन, काबोर्हाइड्रेट, फाइबर और डाययूरेटिक एसिड होते हैं। आंवला और मूंगफली सर्दियों में फायदेमंद होते हैं। खजूर को गर्म दूध के साथ खाने पर भी सर्दी से राहत मिलती है।
अगर आप सर्दी के मौसम में मूंगफली खाएंगे तो शरीर गर्म रहेगा। भोजन के अगर 50 या 100 ग्राम मूंगफली हर रोज खाते हैं तो इससे सेहत बनती है, खून की कमी पूरी होती है।
(Vastu Tips for Winters)
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