India News (इंडिया न्यूज़),Vikata Sankashti Chaturthi 2024: चतुर्थी का व्रत हर महीने में दो बार रखा जाता है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह व्रत 27 अप्रैल को है. इस खास मौके पर भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चतुर्थी तिथि के दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिल जाती है। आय और सौभाग्य में भी अपार वृद्धि होती है। अगर आप भी भगवान को प्रसन्न करना चाहते हैं तो विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करें। आइए जानते हैं विकट संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि के बारे में…
विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर देवी-देवताओं का ध्यान करके दिन की शुरुआत करें। इसके बाद स्नान कर साफ कपड़े पहन लें। – अब भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें. मंदिर को साफ करें और गंगा जल छिड़क कर पवित्र करें। चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान गणेश की मूर्ति रखें। – अब गणपति बप्पा को दूर्वा और मोदक चढ़ाएं. देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और गणेश चालीसा का पाठ करें। पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करना फलदायी होता है। इसके बाद भगवान गणेश को मोदक, फल और मिठाई का भोग लगाएं. अंत में प्रसाद को लोगों में बांट दें और खुद भी ग्रहण करें।
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गणेश गायत्री मंत्र
- ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंति प्रचोदयात्।
- ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंति प्रचोदयात्।
- ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंति प्रचोदयात्।
- शुभ लाभ गणेश मंत्र
- ॐ श्री गं सौभाग्य गणपतये वरवरदा सर्व जन्मं वशमान्यै नमः।
- सफलता पाने का मंत्र
- श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येषु सर्वदा ॥
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