संबंधित खबरें
क्यों दुर्योधन की जांघ तोड़कर ही भीम ने उतारा था उसे मौत के घाट, पैर में छिपा था ऐसा कौन-सा जीवन का राज?
जो लोग छिपा लेते हैं दूसरों से ये 7 राज…माँ लक्ष्मी का रहता है उस घर में सदैव वास, खुशियों से भरी रहती है झोली
इन 4 राशियों की लड़कियों का प्यार पाना होता है जंग जीतने जैसा, स्वर्ग सा बना देती हैं जीवन
देवो के देव महादेव के माता-पिता है कौन? शिव परिवार में क्यों नहीं दिया जाता पूजा स्थान
नए साल पर गलती से भी न करें ये काम, अगर कर दिया ऐसा तो मां लक्ष्मी देंगी ऐसी सजा जो सोच भी नहीं पाएंगे आप
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
India News (इंडिया न्यूज), Vinayak Chaturthi 2024: हिंदू धर्म के अनुसार हर एक दिन काफी महत्वपूर्ण होता है। हर एक महीने में दो पक्ष होते हैं। जिसमें चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित की जाती है। ऐसे में ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत भी रखा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा आराधना की जाती है। मान्यता के अनुसार भगवान गणेश की पूजा करने से भक्तों को सभी विघ्नों से राहत मिलती है। ऐसे में जून महीने में विनायक चतुर्थी किस दिन पड़ने वाली है और उसका क्या महत्व है यह जानना अति आवश्यक है।
ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत इस साल 9 जून की दोपहर 3:44 से हो रही है और इस के समापन को अगले दिन यानी की 10 जून दोपहर 4:14 पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए 10 जून को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। विनायक चतुर्थी के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद साफ सफाई करते चौकी को बिछाए और उसे पर लाल कपड़े को बछाकर गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें और विधि विधान से उनकी पूजा करें। Vinayak Chaturthi 2024
क्या होने वाली है एक और पॉलिटिकल मैरिज, 2011 की फिल्म क्या हो जाएगी सच? देखें वीडियो – IndiaNews
शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम्
येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि,
चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते
विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम्,
तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः Vinayak Chaturthi 2024
साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात्,
BFF ने शेयर की बैकलेस तस्वीर, Kiara-Isha ने बढ़ाया इंटरनेट का तापमान – IndiaNews
चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता
सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते,
अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक
तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि,
इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः
एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम्,
तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम्
क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः,
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.