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(इंडिया न्यूज़, What is the secret of distributing the leaves of Shami, of Shani Dev on the day of Dussehra?): नवरात्रि का पर्व देश में चल रहा है। नवरात्रि में 9 दिन देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि के नौ दिन बाद दशहरा का पर्व मनाया जाता है, इसे विजयदसमी भी कहा जाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत का दशहरे पर रावण दहन किया जाता है।
इसके साथ ही इस दिन शमी की पत्तियां भी बांटी जाती है। चलिए जानते हैं, क्या है इसके पीछे की वजह क्यों सदियों से चली आ रही है यह परंपरा।
विजयदशमी के दिन शमी के पेड़ की पूजा भी की जाती है, यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत युद्ध के दौरान शमी पेड़ के ऊपर पांडवों ने अपने हथियार छुपाए थे जिसकी वजह से पांडवों को कौरवों से जीत मिली थी। इसलिए इस दिन शमी के पेड़ की पूजा की जाती है जिससे आरोग्य, व धन की प्राप्ति होती है.
दशहरे पर बांटी जाती है शमी की पत्तियां
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले शमी के पेड़ के सामने अपनी जीत की प्रार्थना की शमी के पेड़ की पत्तियों को स्पर्श किया जिससे उन्हें विजय प्राप्त हुई। तब से विजयदशमी के दिन शमी की पत्तियों को स्पर्श करने व उसे एक दूसरे को बांटने की परंपरा चली आ रही है। कहा जाता है विजयदशमी के दिन शमी की पत्तियों को स्पर्श करने व एक दूसरे को देने से सुख-समृद्धि बनी रहती है.
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