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कौन थे आखिर साईं बाबा, और क्‍या था उनका धर्म…ऐसा क्या हो गया जो अब मंदिरों से हटाई जा रहीं उनकी मूर्तियां?

Prachi Jain • LAST UPDATED : October 2, 2024, 12:20 pm IST
कौन थे आखिर साईं बाबा, और क्‍या था उनका धर्म…ऐसा क्या हो गया जो अब मंदिरों से हटाई जा रहीं उनकी मूर्तियां?

Life Story Of Shirdi Sai Baba: साईं बाबा को एक फकीर माना जाता था, जो समाधि में लीन रहते थे और मांगकर अपना जीवन यापन करते थे। समय के साथ, उनके चमत्कारों ने उन्हें भगवान का अंश मानने के लिए लोगों को प्रेरित किया।

India News (इंडिया न्यूज), Life Story Of Shirdi Sai Baba: शिरडी वाले साईं बाबा भारतीय धार्मिक परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उनकी भक्ति न केवल हिंदू, बल्कि मुस्लिम समुदाय में भी है। हालांकि, हाल के दिनों में उनके प्रति श्रद्धा और पूजा के तरीके को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। वाराणसी के कुछ मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटाई जा रही हैं, जिसे लेकर कई बातें सामने आ रही हैं।

साईं बाबा का जीवन

साईं बाबा का जन्म 28 सितंबर 1836 को हुआ माना जाता है, लेकिन उनके जन्मस्थान और माता-पिता की जानकारी अस्पष्ट है। यह जानकारी उन्होंने अपने भक्‍तों को कभी नहीं दी। उनके असली नाम को लेकर भी मतभेद हैं; कुछ लोग उन्हें “चांद मियां” के नाम से जानते हैं, जबकि अन्य उन्हें हिंदू मानते हैं।

साईं बाबा ने अपना अधिकांश जीवन एक पुरानी मस्जिद में बिताया, जिसे उन्होंने “द्वारका माई” कहा। उनकी वेशभूषा और जीवनशैली के कारण कई लोग उन्हें मुस्लिम मानते हैं, जबकि उनकी द्वारका के प्रति श्रद्धा ने कुछ को हिंदू मानने पर मजबूर किया। साईं बाबा ने जात-पात और धर्म से ऊपर उठकर सभी की सेवा की।

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साईं बाबा का धार्मिक महत्व

साईं बाबा को एक फकीर माना जाता था, जो समाधि में लीन रहते थे और मांगकर अपना जीवन यापन करते थे। समय के साथ, उनके चमत्कारों ने उन्हें भगवान का अंश मानने के लिए लोगों को प्रेरित किया। कुछ लोग उन्हें भगवान दत्तात्रेय और कुछ भगवान शिव का अवतार मानते हैं। उनकी पूजा के विभिन्न स्वरूप आज भी कई भक्तों के दिलों में बसे हुए हैं।

विवाद का कारण

हाल के विवाद का केंद्र यह है कि सनातन रक्षक दल ने मंदिरों से साईं बाबा की मूर्तियां हटाने का निर्णय लिया है। उनका तर्क है कि शास्त्रों के अनुसार, किसी भी मंदिर में मृत मनुष्यों की मूर्तियां स्थापित करके पूजा करना वर्जित है। हिंदू धर्म के मंदिरों में केवल पंच देवों—सूर्य, विष्णु, शिव, शक्ति और गणपति—की मूर्तियों की पूजा की जा सकती है।

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निष्कर्ष

साईं बाबा की भक्ति और उनके प्रति श्रद्धा का विषय न केवल धार्मिक है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक भी है। इस विवाद ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि धार्मिक आस्था और परंपराएं कितनी जटिल हो सकती हैं। साईं बाबा की शिक्षाएं प्रेम, सहिष्णुता और मानवता की हैं, जो आज भी करोड़ों लोगों के दिलों में जीवित हैं।

इस प्रकार, साईं बाबा का महत्व और उनके प्रति आस्था का प्रश्न हमारे समाज में हमेशा चर्चा का विषय रहेगा।

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