India News (इंडिया न्यूज), Owl Worship On Diwali: दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत में मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह विशेष रूप से धन और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की पूजा के लिए जाना जाता है। लेकिन एक सवाल जो अक्सर लोगों के मन में उठता है, वह यह है कि मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू क्यों है? इस लेख में हम इस विषय पर चर्चा करेंगे और इसके पीछे के सांस्कृतिक और धार्मिक पहलुओं को समझेंगे।
उल्लू को भारतीय संस्कृति में विभिन्न रूपों में देखा जाता है। इसे ज्ञान, बुद्धिमत्ता और अंतर्दृष्टि का प्रतीक माना जाता है। कई धार्मिक ग्रंथों और पुरानी कथाओं में उल्लू को मां लक्ष्मी का वाहन माना गया है। इस संदर्भ में, उल्लू के कई प्रतीकात्मक अर्थ हैं:
Owl Worship On Diwali: दिवाली पर मां लक्ष्मी के वाहन के रूप में उल्लू की पूजा न केवल एक धार्मिक प्रथा है, बल्कि यह ज्ञान, बुद्धिमत्ता और समृद्धि का प्रतीक भी है। यह हमें यह सिखाता है कि असली धन केवल भौतिक वस्तुओं में नहीं, बल्कि ज्ञान और समझ में भी निहित है।
दिवाली के अवसर पर जब हम मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, तो उल्लू की भी पूजा की जाती है। यह पूजा आमतौर पर इस प्रकार की जाती है:
दिवाली से ठीक 11 दिन पहले क्यों शुरू हो जाती है उल्लू की पूजा…मां लक्ष्मी से जुड़े है ये गहरे तार?
भारतीय संस्कृति में उल्लू को शुभ और अशुभ दोनों रूपों में देखा गया है। जबकि कुछ लोग इसे नकारात्मक रूप से देखते हैं, वहीं कई अन्य इसे सकारात्मकता और समृद्धि के प्रतीक के रूप में मानते हैं। इस द्वंद्व ने इसे भारतीय त्योहारों में एक विशेष स्थान दिलाया है।
दिवाली पर मां लक्ष्मी के वाहन के रूप में उल्लू की पूजा न केवल एक धार्मिक प्रथा है, बल्कि यह ज्ञान, बुद्धिमत्ता और समृद्धि का प्रतीक भी है। यह हमें यह सिखाता है कि असली धन केवल भौतिक वस्तुओं में नहीं, बल्कि ज्ञान और समझ में भी निहित है। इस प्रकार, उल्लू की पूजा दिवाली के पर्व को एक गहरा अर्थ और महत्व प्रदान करती है।
इस प्रकार, उल्लू की पूजा के पीछे की गहरी संस्कृति और अर्थ को समझना हमें दिवाली के असली उद्देश्य को और बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।