India News (इंडिया न्यूज), Astro Tips: हिंदू धर्म में पति-पत्नी का संबंध एक पवित्र और अटूट बंधन माना गया है। इस रिश्ते को मजबूत और सौहार्दपूर्ण बनाने के लिए कई धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताएं दी गई हैं। इन्हीं में से एक मान्यता यह है कि पत्नी को हमेशा पति के बाईं ओर ही सोना चाहिए। इस परंपरा का जिक्र न केवल धार्मिक ग्रंथों में है, बल्कि वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में भी इसके पीछे ठोस तर्क दिए गए हैं। आइए जानें, पत्नी को पति के बाईं ओर सोने की परंपरा का क्या महत्व है और इसके पीछे क्या कारण छिपे हैं।
पति-पत्नी का रिश्ता एक ऐसा रिश्ता है जो साथ मिलकर हर मुश्किल को पार कर लेता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, जब पत्नी पति के बाईं ओर सोती है तो उनके रिश्ते में प्रेम और सम्मान बना रहता है। इसके अलावा, सही दिशा में सोने से पति-पत्नी के संबंधों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि दांपत्य जीवन में सुख-शांति और संवृद्धि भी लाता है।
Astro Tips: क्यों पत्नी को हमेशा सोना चाहिए पति की बाएं ओर
वास्तु और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमारे शरीर में सूर्य नाड़ी और चंद्र नाड़ी का विशेष महत्व है। सूर्य नाड़ी शरीर के दाईं ओर स्थित होती है और यह तेज सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ावा देती है। वहीं, चंद्र नाड़ी शरीर के बाईं ओर होती है, जो शांति, शीतलता और भावनात्मक स्थिरता का प्रतीक है। जब पत्नी पति के बाईं ओर सोती है, तो चंद्र नाड़ी प्रधान होती है, जिससे शरीर और मन को शांति मिलती है।
ऐसा माना जाता है कि यदि पत्नी पति के बाईं ओर सोती है, तो उनके दांपत्य जीवन में सुख-शांति और संवृद्धि बनी रहती है। इससे पति के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, उनकी आयु लंबी होती है और जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है। पति-पत्नी के बीच प्रेम और सम्मान भी हमेशा बना रहता है।
जहां दिखें ये फूल फौरन लीजिएगा तोड़, मात्र 24 घंटों में बना देगा लखपति, रातों-रात बदल देगा किस्मत!
यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी इसके पीछे ठोस कारण हैं। जब पति-पत्नी सही दिशा में सोते हैं, तो उनका मानसिक तनाव कम होता है। चंद्र नाड़ी पर सकारात्मक प्रभाव के कारण उन्हें शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है, जिससे उनके रिश्तों में सकारात्मकता बनी रहती है।
पति और पत्नी के बीच संतुलन और सामंजस्य बनाए रखने के लिए यह परंपरा काफी महत्वपूर्ण मानी गई है। यह न केवल उनकी भावनाओं को स्थिर करती है, बल्कि दांपत्य जीवन में संतोष और खुशहाली भी लाती है। वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में वर्णित यह प्रथा हमारे जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
घर के मंदिर में रख दें ये 2 मूर्तियां, लग जाएगा पैसों का अंबार, भर-भर के फट जाएगी तीजोरी!
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।