संबंधित खबरें
खुद को दुनिया के सामने मार देती हैं नागा साधु, 12 सालों तक करती हैं ऐसा काम, कंपा देती हैं ब्रह्माण्ड!
अर्जुन से लेकर सूर्य तक सबको हांसिल हुआ था जो गीता उपदेश, इन ऋषियों ने आम इंसान को ऐसे दीया ये ज्ञान!
आचनक निकल आते हैं लाखों नागा साधू फिर हो जाते हैं अदृश्य, कुंभ का रहस्य जान हो जाएंगे हैरान
Today Horoscope: इस 1 राशि की किस्मत में लिखा है आज बड़ा बदलाव, तो इन 3 जातकों को मिलेगा उनका बिछड़ा प्यार, जानें आज का राशिफल
साल 2025 लगते ही पूरे 12 साल के बाद गुरु करेंगे मिथुन और कर्क राशि में प्रवेश, जानें कितने फायदों से भर देंगे आपका दामन?
क्या सच में यूरोपीय देशों से पहले भारत में हो चुकी थी ईसाई धर्म की शुरुआत? आखिर क्या है हिंदुस्तान के सबसे पुराने चर्च की कहानी?
India News (इंडिया न्यूज), Mythological Facts of Ramayana: रामायण में लगभग हर पात्र किसी न किसी का अवतार था और भगवान राम के साथ रहने और विशिष्ट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पैदा हुआ था। इसमें भगवान राम के तीन भाई और उनकी पत्नियाँ भी शामिल हैं। यह अलग बात है कि लोग उनकी पत्नियों के बारे में ज़्यादा नहीं जानते हैं।
शत्रुघ्न भगवान राम के सबसे छोटे भाई थे। रामायण में उनका ज्यादा जिक्र नहीं है। शायद इसीलिए उनकी पत्नी के बारे में भी कोई ज्यादा नहीं जानता। शत्रुघ्न की पत्नी श्रुतकीर्ति थीं, जिन्हें देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। रामायण और अन्य ग्रंथों में वर्णन है कि भगवान विष्णु के अवतार के साथ ही उनकी पत्नी देवी लक्ष्मी के विभिन्न रूप भी उनके साथ धरती पर अवतरित हुए थे।
श्रुतकीर्ति को सहनशीलता, शांति और आदर्श पत्नीव्रत का अवतार माना जाता है। श्रुतकीर्ति राजा जनक के भाई कुशध्वज की पुत्री थीं। उन्हें ज्ञान, विनम्रता और निष्ठा की प्रतिमूर्ति माना जाता है। श्रुतकीर्ति के इस अवतार का मुख्य उद्देश्य शत्रुघ्न को उनके धार्मिक और पारिवारिक दायित्वों में सहायता करना और पवित्रता और शांति का संदेश फैलाना था। रामायण में उनका चरित्र आदर्श पत्नी और आदर्श गृहस्थ जीवन का प्रतिनिधित्व करता है।
आचनक निकल आते हैं लाखों नागा साधू फिर हो जाते हैं अदृश्य, कुंभ का रहस्य जान हो जाएंगे हैरान
लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला को भी देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। उर्मिला को देवी लक्ष्मी के “त्याग और सहनशीलता” का प्रतीक माना जाता है। वे राम और लक्ष्मण की अनुपस्थिति में 14 वर्षों तक अयोध्या में रहीं और अपने कर्तव्यों का पालन किया। उन्होंने ये 14 साल सोते हुए बिताए ताकि लक्ष्मण जागते रहें और अपने प्रिय भाई राम और भाभी सीता की वनवास के दौरान रक्षा कर सकें। ऐसा कहा जाता है कि उर्मिला ने लक्ष्मण को भगवान राम की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने व्यक्तिगत सुखों को त्याग दिया और कर्तव्य और धर्म को प्राथमिकता दी।
भरत की पत्नीभरत की पत्नी मांडवी को भी देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मांडवी को देवी लक्ष्मी के “धैर्य और संतुलन” का प्रतीक माना जाता है। उनका जीवन समर्पण और धर्मपरायणता का एक उदाहरण है, जिसने पारिवारिक और सामाजिक संतुलन बनाए रखने में मदद की। मांडवी ने भरत के कठिन जीवन में धैर्य और शक्ति का संचार किया। भरत ने राम की चरणपादुका के प्रतीक के रूप में अयोध्या पर शासन किया और मांडवी हर कदम पर उनके साथ रहीं।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.