India News (इंडिया न्यूज), Anant Ambani & Radhika Marchent: आज यानि 12 जुलाई आखिरकार वो शुभ घडी आ ही गई जब अम्बानी खानदान के छोटे बेटे अनंत अम्बानी अपनी लॉन्ग टाइम लव संग शादी के बंधन में बंध जायेंगे। पीछे कई दिनों से शादी की तैयारियां अम्बानी परिवार में खूब ज़ोरो-शोरो से होती हुई देखीं जा रही हैं जिसके बाद अब वो पल आ गया हैं जब इस परिवार में एक और सदस्य बढ़ने जा रहा हैं। शादी से पहले एंटिला में कई प्री-वेडिंग फंक्शन्स को होते हुए देखा गया। लेकिन इनमे से सबसे ज़्यादा जरुरी था वो थी परिवार में हुई शिवशक्ति पूजा जो नव विवाहित जोड़े की शादी से पहले कराई गई लेकिन क्यों क्या ये कोई जनता हैं? बल्कि ये पूजा तो इतनी खास हैं क्योकि माँ सीता ने भी खुद अपनी शादी से पहले इस पूजा को किया था।
माता सीता और प्रभु राम के विवाह से पहले की पूजा की कथा हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह पूजा भगवान शिव और माता पार्वती (शिवशक्ति) से जुड़ी हुई है। ऐसी ही पूजा अनंत और राधिका ने भी की, जिससे जुड़ी मान्यता और कथा निम्नलिखित है:
माता सीता ने भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा इसलिए की थी ताकि उन्हें योग्य और धर्मपरायण पति मिले।
यह पूजा उनकी इच्छाओं की पूर्ति और विवाह के सुखमय जीवन के लिए की गई थी।
माता सीता ने पुष्प, धूप, दीप और विशेष मंत्रों के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की।
इस पूजा के फलस्वरूप माता सीता को भगवान राम जैसा आदर्श पति प्राप्त हुआ।
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भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का उद्देश्य दैवीय आशीर्वाद प्राप्त करना था।
यह पूजा विश्वास और श्रद्धा का प्रतीक है, जो वैवाहिक जीवन की सफलता और समृद्धि के लिए की जाती है।
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अनंत और राधिका ने भी भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की, जैसे माता सीता ने की थी। इस पूजा का उद्देश्य भी एक सफल और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना था।
यह पूजा प्राचीन परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है।
शिवशक्ति की आराधना से विवाह संबंधित समस्याओं का समाधान और जीवन में समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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अनंत और राधिका ने पुष्प, धूप, दीप, और विशेष मंत्रों के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की।
पूजा के दौरान विधिवत रीति-रिवाजों का पालन किया गया, जैसा कि माता सीता ने किया था।
भगवान शिव को आदियोगी और माता पार्वती को आदिशक्ति माना जाता है।
इनकी आराधना से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि प्राप्त होती है।
शिव और शक्ति की संयुक्त पूजा वैवाहिक जीवन में सुख और संतोष का प्रतीक है।
यह पूजा समर्पण, प्रेम, और एकता का प्रतीक मानी जाती है।
यह पूजा धार्मिक परंपराओं का पालन करने और दैवीय आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका है।
शिवशक्ति की पूजा से व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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इन पूजा विधियों और मान्यताओं से स्पष्ट होता है कि माता सीता और अनंत-राधिका की पूजा का उद्देश्य एक सफल और सुखमय वैवाहिक जीवन के लिए दैवीय आशीर्वाद प्राप्त करना था।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
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