होम / Shradh Paksha 2021 पक्ष में विशेष मुहूर्तों पर कर सकते हैं खरीदारी

Shradh Paksha 2021 पक्ष में विशेष मुहूर्तों पर कर सकते हैं खरीदारी

Mukta • LAST UPDATED : September 27, 2021, 10:05 am IST

Shradh Paksha 2021 (You can buy on special Muhurtas during Shradh Paksha) : 29 सितंबर को अष्टमी तिथि के श्राद्ध के अलावा महालक्ष्मी व्रत या जीवित्पुत्रिका व्रत भी
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्

Shradh
Shradh 29 सितंबर को अष्टमी तिथि के श्राद्ध के अलावा महालक्ष्मी व्रत रखने की भी परंपरा है। इसे संतान की दीघार्यु के लिए माताएं रखती हैं। सप्तमी तिथि मंगलवार 28 तारीख की सायं 6 बज कर 17 मिनट पर समाप्त हो जाएगी और अष्टमी आरंभ हो जाएगी। बुधवार 29 तारीख का पूरा दिन, 8 बज कर 30 मिनट तक अष्टमी रहेगी और श्री महालक्ष्मी व्रत रखा जा सकता है। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है। इस दिन पितृपक्ष होने के बावजूद सोना, वाहन, गृह संबंधी तथा लक्जरी आयटम्ज खरीदी जा सकती हैं ।

Sarva Pitru Amavasya 2021 Date Shradh Vidhi Muhurta

Shradh 2021: श्राद्ध 20 सितंबर से 6 अक्तूबर तक परंतु 26 सितंबर को पितृपक्ष की तिथि नहीं

Shradh Paksha 2021 main shubh muhurat

Ravi Yoga – 26 and 27 September Sarvartha Siddhi Yoga – 27, 30 September and 6 October Guru Pushya Yoga – October 1
श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं परंतु इस मध्य कई ऐसे मुहूर्त हैं जब आप जम कर खरीदारी कर सकते हैं। नीचे दिए गए विशेष मुहूर्तों में भी आप सामान खरीद सकते हैं।
रवि योग-26 व 27 सितंबर
सर्वार्थ सिद्धि योग- 27, 30 सितंबर तथा 6 अक्तूबर
गुरु पुष्य योग- 1 अक्तूबर

Also Read: पितृपक्ष Shradh शुरू, इन बातों का रखें ध्यान

घर पर पितरों का Shradh, यहां पढ़ें सही विधि

श्रद्ध पक्ष की मान्यताएं, क्यों नहीं करते शुभ कार्य shradh paksh 2021 ki manyata kyu nahi karte shubh karya

पितृ पक्ष, में लोग अपने पूर्वजों को याद करने के साथ-साथ उनको धन्यवाद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। धर्म शास्त्रियों और विद्वानों के अनुसार, ये दिन केवल पितरों के लिए होते हैं और इस समय आपका ध्यान केवल उनके तर्पण और उनको याद करने में होना चाहिए। वहीं अगर आप इस दौरान नए कपड़े, घर या कोई और चीज खरीदते हैं या खरीदने के बारे में सोचते हैं, तो आपका ध्यान अपने पितरों पर से हट जाएगा और वो आपसे नाराज हो जाएंगे। मान्यता है कि इस दौरान हमारे पितृ या पूर्वज धरती पर हमसे मिलने आते हैं और हमें अपना आशीर्वाद देते हैं। लेकिन पितृपक्ष को लेकर लोगों में कई तरह की धारणाएं भी हैं। जैसे इन दिनों को अशुभ माना जाता है और इस समय कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, कुछ नया नहीं खरीदना चाहिए, ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, मांस मछली नहीं खाना चाहिए आदि। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में किसी भी तरह की नई चीज, जैसे घर, कपड़े, सोना आदि नहीं खरीदने चाहिए। मान्यता है कि श्राद्धों में खरीदी गयी सभी वस्तुएं पितरों को समर्पित होती हैं, जिनका उपयोग करना उचित नहीं होता है क्योंकि उनमें आत्माओं का अंश होता है। लोगों का ये भी मानना है कि अगर इस वक़्त कोई नई चीज खरीदी जायेगी, तो उससे हमारे पितरों को दु:ख होगा और वो नाराज होंगे। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पितृपक्ष उत्सव का नहीं, बल्कि एक तरह से शोक है।

Connect With Us: Twitter facebook

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT