इंडिया न्यूज, नई दिल्ली
अच्छी सेहत के लिए जितना जरूरी स्वच्छ और संतुलित खानपान है, उतना ही जरूरी ये भी है कि आप किन लोगों के साथ उठते-बैठते हैं, किस वातावरण में रहते हैं और साथ ही अपने आसपास के लोगों का कितना सम्मान करते हैं। यह बुद्धिमता से परिपूर्ण एक ऐसा लोकप्रचलित तथ्य और है जिसे आज के जमाने में भुला दिया गया है, या जिसकी महत्ता पर अब ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। वर्तमान समय में हमारे समाज की जो स्थिति है, उसके मद्देनजर यह कहना गलत तो नहीं होगा कि हम अस्वस्थ जीवनशैली, अस्वस्थ खानपान के प्रति आकर्षित होने लगे हैं, जहां हम घर के खाने की जगह फास्ट फूड और चीनी से भरे भोजन करते हैं, कम सोते हैं, न्यूनतम व्यायाम करते हैं, साथ ही ना तो हमारे पास किसी से बात करने का समय है.. हम बस चिंता करने में ही मशगूल रहते हैं।
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ये बात हम जानते हैं कि इतनी तेजी से भागता हुआ हमारा जीवन बहुत लंबे समय तक नहीं चलने वाला। अगर हम सौभाग्यशाली हुए तो हम किसी जिम की मेंबरशिप लेकर, योगा क्लास जॉइन कर या फिर ध्यान करने की कला सीखकर बेहतर स्वास्थ्य का आनंद भी उठा सकते हैं। लेकिन हम में से अधिकांश लोग टी.वी. के सामने सोफे पर लेटकर रिमोट उठाने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।
आपको यह बात समझनी चाहिए कि आप स्वयं अपने जीवन के इंचार्ज हैं। अगर आपको लगता है कोई और आकर आपकी मदद करेगा या आपको आपकी समस्याओं से बाहर निकालेगा तो आपका यह इंतजार बहुत लंबा चलता जाएगा।